भारत में बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है। साल 2030 तक पावर सेक्टर में 400 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश होने की उम्मीद है। इस बदलाव में पावर ट्रांसमिशन कंपनियां अहम भूमिका निभा रही हैं, जो बिजली को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का काम करती हैं। इन कंपनियों के पास मजबूत ऑर्डर बुक और जबरदस्त ग्रोथ पोटेंशियल है। आइए, भारत की टॉप 5 पावर ट्रांसमिशन कंपनियों के बारे में जानते हैं, जिन्हें उनके ऑर्डर बुक के आधार पर रैंक किया गया है।
1. भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL)
BHEL भारत की सबसे बड़ी पावर प्लांट निर्माता कंपनी है, जो हाई-वोल्टेज डायरेक्ट करंट (HVDC) और डिजिटल सब-स्टेशन जैसी आधुनिक तकनीकों में माहिर है। वित्तीय वर्ष 2025 में कंपनी को रिकॉर्ड 92,535 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले, जो पिछले साल के 77,907 करोड़ रुपये से ज्यादा हैं। इसमें 81,349 करोड़ रुपये पावर सेक्टर और 11,001 करोड़ रुपये इंडस्ट्री सेक्टर से आए। BHEL को 14.6 गीगावाट के थर्मल पावर ऑर्डर मिले, जो पिछले 10 साल में सबसे ज्यादा हैं। कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 74.7% और नेट प्रॉफिट 89.3% बढ़ा। डिविडेंड भी 31% से बढ़ाकर 33% कर दिया गया, जो इसकी वित्तीय मजबूती को दर्शाता है।
क्यों निवेश करें? BHEL की मजबूत ऑर्डर बुक और तकनीकी विशेषज्ञता इसे भविष्य में ग्रोथ के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाती है।
2. KEC इंटरनेशनल
KEC इंटरनेशनल एक प्रमुख इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, और कंस्ट्रक्शन (EPC) कंपनी है, जो पावर ट्रांसमिशन, रेलवे, सोलर, और सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर में काम करती है। 2025 में इसका ऑर्डर बुक 13% बढ़कर 33,398 करोड़ रुपये हो गया। L1 पोजीशन के साथ कुल ऑर्डर बुक 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है, जो अगले 6-8 तिमाहियों तक स्थिर कमाई की गारंटी देता है। हाल ही में कंपनी को 2,211 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर मिले, जिनमें 92% ट्रांसमिशन से जुड़े हैं। इन ऑर्डर को पूरा करने में 18-24 महीने लगेंगे। ऑपरेटिंग प्रॉफिट 11.2% और नेट प्रॉफिट 64.6% बढ़ा, हालांकि डिविडेंड 30% से घटकर 26% हो गया, क्योंकि कंपनी भविष्य के विकास के लिए मुनाफा रिजर्व कर रही है।
क्यों निवेश करें? KEC की विविध ऑर्डर बुक और ग्लोबल प्रोजेक्ट्स इसे लंबी अवधि के लिए एक मजबूत दावेदार बनाते हैं।
3. सीमेंस (Siemens Energy India)
सीमेंस एक जानी-मानी टेक्नोलॉजी कंपनी है, जो पावर ट्रांसमिशन, इंडस्ट्री, और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में काम करती है। इसकी नई इकाई, सीमेंस एनर्जी इंडिया, केवल ऊर्जा क्षेत्र पर फोकस करती है। मार्च 2025 में इसका ऑर्डर बुक 15,100 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 2.4 गुना ज्यादा है। Q2 FY25 में नए ऑर्डर 5,305 करोड़ रुपये के थे, जो पिछले साल के 3,697 करोड़ रुपये से अधिक हैं। हालांकि, ऑपरेटिंग प्रॉफिट 26.5% और नेट प्रॉफिट 27.5% कम हुआ, लेकिन कंपनी की तकनीकी क्षमता और ग्लोबल सपोर्ट इसे मजबूत बनाते हैं।
क्यों निवेश करें? सीमेंस की कटिंग-एज टेक्नोलॉजी और बढ़ता ऑर्डर बुक इसे भविष्य में ग्रोथ का बड़ा मौका देता है।
4. CG पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस
CG पावर पावर ट्रांसमिशन और रेल ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में सक्रिय है। 2025 में इसके ऑर्डर 40% बढ़कर 14,684 करोड़ रुपये हो गए। इसका अनएक्सिक्यूटेड ऑर्डर बुक 10,631 करोड़ रुपये है, जो 66% ज्यादा है। कंपनी को पावर ग्रिड से 641 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा सिंगल ऑर्डर मिला। ऑपरेटिंग प्रॉफिट 14.3% बढ़ा, लेकिन नेट प्रॉफिट 31.8% कम हुआ, जो मार्जिन प्रेशर को दर्शाता है। फिर भी, कंपनी की डिजिटल टेक्नोलॉजी में निवेश और मजबूत ऑर्डर बुक इसे आकर्षक बनाते हैं।
क्यों निवेश करें? CG पावर की बढ़ती ऑर्डर बुक और डिजिटल इनोवेशन इसे मिड-टर्म निवेश के लिए एक अच्छा विकल्प बनाते हैं।
5. ABB इंडिया
ABB इंडिया इलेक्ट्रिफिकेशन और ऑटोमेशन में एक अग्रणी कंपनी है। मार्च 2025 में इसे 3,751 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले, जो पिछले 5 साल में सबसे ज्यादा हैं। इसका ऑर्डर बुक 9,958 करोड़ रुपये है, जो 11% ज्यादा है। ऑपरेटिंग प्रॉफिट 582 करोड़ रुपये और नेट प्रॉफिट 475 करोड़ रुपये रहा, जो 3.5% ज्यादा है। कंपनी की स्मार्ट ग्रिड और ऑटोमेशन तकनीक इसे भविष्य के लिए तैयार करती है।
क्यों निवेश करें? ABB की मजबूत ऑर्डर बुक और टेक्नोलॉजी फोकस इसे लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एक विश्वसनीय विकल्प बनाता है।
भारत के पावर ट्रांसमिशन सेक्टर का भविष्य
भारत का पावर ट्रांसमिशन सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। सरकार ने 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए 9.2 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना है। स्मार्ट ग्रिड, HVDC सिस्टम, और रिन्यूएबल एनर्जी इंटीग्रेशन से इस सेक्टर में जबरदस्त अवसर हैं। इन कंपनियों की मजबूत ऑर्डर बुक और तकनीकी क्षमता उन्हें इस ग्रोथ का हिस्सा बनाती है।
निवेश से पहले सावधानी: इन कंपनियों में निवेश से पहले उनकी फाइनेंशियल हेल्थ, मार्केट रिस्क, और कॉर्पोरेट गवर्नेंस की गहन जांच करें। अपने फाइनेंशियल सलाहकार से सलाह लें।
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