ट्रंप के सीजफायर ऐलान से Adani Ports में 5% उछाल, निवेशकों ने कमाए 14,626 करोड़: 5 अहम बातें

Adani Ports and Special Economic Zone (APSEZ) के शेयर इस रैली के सितारे रहे। ईरान-इजरायल सीजफायर की खबर के बाद कंपनी के शेयरों में 4.71% की उछाल आई, जो सुबह के कारोबार में ₹1,418.70 तक पहुंच गए। इस तेजी ने निवेशकों को 14,626 करोड़ रुपये का मुनाफा दिलाया। बीते कुछ दिनों में इजरायल के हाइफा पोर्ट को लेकर चिंताओं के कारण शेयर में 9% की गिरावट आई थी, लेकिन अब निवेशकों ने राहत की सांस ली है। आइए, इस लिस्टिकल में जानते हैं इस तेजी के 5 प्रमुख कारण और निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है।

1. ट्रंप के सीजफायर ऐलान ने बदली बाजार की चाल

23 जून 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर ऐलान किया कि ईरान और इजरायल के बीच “12-दिन के युद्ध” के बाद पूर्ण और स्थायी सीजफायर पर सहमति बन गई है। यह सीजफायर 24 जून को सुबह 4 बजे से प्रभावी हुआ। इस खबर ने वैश्विक बाजारों में राहत लाई, और ब्रेंट क्रूड की कीमतें 2.9% गिरकर $69.43 प्रति बैरल पर आ गईं। Adani Ports के लिए यह खबर इसलिए अहम थी क्योंकि कंपनी का हाइफा पोर्ट इजरायल में स्थित है, जो इस संघर्ष के दौरान जोखिम में था।

2. हाइफा पोर्ट पर कोई नुकसान नहीं, निवेशकों में भरोसा लौटा

ईरान-इजरायल संघर्ष के दौरान 11 से 19 जून तक Adani Ports के शेयरों में 9.24% की गिरावट आई थी, क्योंकि ईरान ने हाइफा पोर्ट और पास की बजान ऑयल रिफाइनरी को निशाना बनाया था। हालांकि, Adani Group के CFO जुगेशिंदर रॉबी सिंह ने 15 जून को ट्वीट कर स्पष्ट किया कि पोर्ट को कोई नुकसान नहीं हुआ। PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, पोर्ट पर कार्गो ऑपरेशंस सामान्य रहे, और 8 जहाजों ने बिना किसी रुकावट के काम किया। हाइफा पोर्ट, जो इजरायल के 30% आयात को हैंडल करता है, Adani Ports के लिए 5% रेवेन्यू और 2% कार्गो वॉल्यूम योगदान देता है।

3. Adani Ports की मजबूत फंडामेंटल स्थिति

Adani Ports की तेजी का एक बड़ा कारण इसकी मजबूत वित्तीय स्थिति भी है। Q4 FY25 (जनवरी-मार्च 2025) में कंपनी ने 47.8% की उछाल के साथ ₹3,014.22 करोड़ का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया, जबकि रेवेन्यू 23.1% बढ़कर ₹8,488.44 करोड़ रहा। EBITDA भी 21% बढ़कर ₹4,966 करोड़ हुआ। कंपनी की डेट-टू-इक्विटी रेशियो 0.73 है, जो सेक्टर के औसत से बेहतर है। प्रमोटर होल्डिंग 65.89% पर स्थिर है, जो निवेशकों में भरोसा जगाती है।

  • मार्केट कैप: ₹3,06,366 करोड़ (24 जून 2025)
  • P/E रेशियो: 23.04 (सेक्टर P/E: 18.69)
  • डिविडेंड यील्ड: 0.76% (₹7 प्रति शेयर)

4. हाइफा पोर्ट का रणनीतिक महत्व

Adani Ports ने जनवरी 2023 में $1.18 बिलियन (लगभग ₹10,350 करोड़) में हाइफा पोर्ट का 70% हिस्सा खरीदा था, जिसमें Gadot Group का 30% हिस्सा है। यह पोर्ट पूर्वी भूमध्य सागर का सबसे बड़ा पोर्ट है और भारत-मध्य पूर्व आर्थिक गलियारे में रणनीतिक रूप से अहम है। यह कंटेनर, बल्क, सीमेंट, और जनरल कार्गो हैंडल करता है, और 700 कर्मचारियों के साथ संचालित होता है। सीजफायर के बाद पोर्ट के ऑपरेशंस सामान्य रहने से निवेशकों का डर कम हुआ।

  • कार्गो वॉल्यूम: 10-11 मिलियन टन सालाना
  • APSEZ का कुल वॉल्यूम: 450 मिलियन टन
  • निर्यात योगदान: इजरायल के 30% आयात

5. शेयर का प्रदर्शन और निवेशकों के लिए सुझाव

Adani Ports के शेयरों ने पिछले 5 साल में 300% रिटर्न दिया है, लेकिन पिछले 1 साल में 4% की गिरावट देखी गई। 24 जून की तेजी ने 14,626 करोड़ का निवेशक धन बढ़ाया। BSE सेंसेक्स 955 अंक चढ़कर 82,852.62 और NIFTY 50 286 अंक बढ़कर 25,257.95 पर बंद हुआ।

  • तकनीकी विश्लेषण: शेयर ₹1,400 के रेजिस्टेंस को तोड़ चुका है। अगला टारगेट ₹1,450 और सपोर्ट ₹1,350
  • लॉन्ग-टर्म निवेशक: ₹1,400-₹1,410 पर खरीदारी करें, 3-5 साल में 20-25% CAGR संभव।
  • शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स: ₹1,450 के टारगेट के साथ ₹1,390 पर स्टॉप लॉस रखें।
  • जोखिम: भू-राजनीतिक तनाव और कच्चे तेल की कीमतें शेयर को प्रभावित कर सकती हैं।
  • मॉनिटर करें: Q1 FY26 नतीजे और हाइफा पोर्ट की प्रोग्रेस।

निष्कर्ष

Adani Ports and Special Economic Zone के शेयरों में 24 जून 2025 को ईरान-इजरायल सीजफायर के बाद आई तेजी ने निवेशकों को 14,626 करोड़ का फायदा दिलाया। हाइफा पोर्ट के सामान्य संचालन और कंपनी के मजबूत फंडामेंटल्स ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया। लंबी अवधि के निवेशक इस स्टॉक को अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं, लेकिन भू-राजनीतिक जोखिमों पर नजर रखें। Motilal Oswal ने ₹1,620 का टारगेट दिया है, जो 14% अपसाइड दर्शाता है।

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