वोडाफोन आइडिया शेयर प्राइस: तेजी की वजह और भविष्य की संभावनाएं

वोडाफोन आइडिया के शेयर बाजार में हाल ही में चर्चा का विषय बने हुए हैं। 24 जून 2025 को इसके शेयर में 4.89% की उल्लेखनीय तेजी देखने को मिली, जिसने निवेशकों का ध्यान खींचा। हालांकि, पिछले एक साल में यह स्टॉक 60% से अधिक गिर चुका है, जिससे निवेशकों में चिंता भी बनी हुई है। इस लेख में हम वोडाफोन आइडिया के शेयर प्राइस, इसके फंडामेंटल्स, हाल के क्वार्टर रिजल्ट्स, और सरकार द्वारा संभावित राहत की खबरों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

वोडाफोन आइडिया के शेयर में तेजी की वजह

हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि सरकार वोडाफोन आइडिया के 84,000 करोड़ रुपये के Adjusted Gross Revenue (AGR) बकाया राशि पर राहत देने पर विचार कर रही है। इसमें बकाया राशि की चुकौती अवधि को मौजूदा 6 साल से बढ़ाकर 20 साल करने और कंपाउंड इंटरेस्ट को सिम्पल इंटरेस्ट में बदलने जैसे विकल्प शामिल हैं। इससे कंपनी की सालाना वित्तीय देनदारी में कमी आ सकती है, जो कंपनी की नकदी स्थिति को बेहतर करने में मदद करेगा। हालांकि, कंपनी ने अपनी हालिया रेगुलेटरी फाइलिंग में स्पष्ट किया है कि सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक राहत की पुष्टि नहीं हुई है।

क्वार्टर रिजल्ट्स का विश्लेषण

वोडाफोन आइडिया के हालिया क्वार्टर रिजल्ट्स (मार्च 2025) पर नजर डालें तो:

  • सेल्स: 11,014 करोड़ रुपये
  • एक्सपेंस: 6,354 करोड़ रुपये
  • ऑपरेटिंग प्रॉफिट: 4,660 करोड़ रुपये
  • नेट प्रॉफिट: -7,166 करोड़ रुपये (नकारात्मक)
  • 3 साल की कंपाउंड सेल्स ग्रोथ: 4%
  • 3 साल की कंपाउंड प्रॉफिट ग्रोथ: 1%

सरकार की राहत की संभावनाएं

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार वोडाफोन आइडिया को कई तरह से राहत देने पर विचार कर रही है। इनमें शामिल हैं:

  1. AGR चुकौती अवधि का विस्तार: मौजूदा 6 साल की अवधि को बढ़ाकर 20 साल करना।
  2. सिम्पल इंटरेस्ट में बदलाव: वर्तमान में 29-30% की कंपाउंड इंटरेस्ट रेट को 8-10% सिम्पल इंटरेस्ट में बदलना, जिससे कंपनी 16,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत कर सकती है।
  3. नाममात्र भुगतान: कंपनी को हर साल 1,000-1,500 करोड़ रुपये की टोकन राशि का भुगतान करने की अनुमति देना।

निष्कर्ष

वोडाफोन आइडिया के शेयर में हाल की तेजी सरकार की राहत की खबरों से प्रेरित है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। कंपनी की वित्तीय स्थिति नाजुक है, और निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह के साथ ही निवेश के फैसले लें।

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