नई दिल्ली, 28 जून 2025: अदानी ग्रुप एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में है। अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने न्यूयॉर्क की एक फेडरल कोर्ट में गौतम अदानी और उनके भतीजे सागर अदानी से जुड़े एक सिविल सिक्योरिटीज मामले में महत्वपूर्ण अपडेट साझा किया है। इस खबर ने अदानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में हलचल मचा दी है, और निवेशक अब इस मामले की पूरी जानकारी का इंतजार कर रहे हैं। आइए, इस मामले के हर पहलू, इसके प्रभाव, और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से नजर डालते हैं।
SEC ने कोर्ट में क्या जानकारी दी?
27 जून 2025 को SEC ने न्यूयॉर्क के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में मजिस्ट्रेट जज जेम्स आर. चो को एक स्टेटस अपडेट पत्र सौंपा। इसमें बताया गया कि SEC गौतम अदानी और सागर अदानी को समन और शिकायत पत्र देने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत में स्थित होने के कारण यह प्रक्रिया हेग सर्विस कन्वेंशन के तहत चल रही है। SEC ने फरवरी 2025 में भारतीय केंद्रीय सरकार से समन देने में सहायता मांगी थी, लेकिन अभी तक भारतीय अधिकारियों की ओर से समन की पुष्टि नहीं हुई है।
SEC का दावा है कि अदानी ग्रुप ने 2020 से 2024 के बीच लगभग 265 मिलियन डॉलर (लगभग 21,000 करोड़ रुपये) की रिश्वत भारतीय अधिकारियों को दी, ताकि बड़े सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध हासिल किए जा सकें। इन अनुबंधों से अगले 20 सालों में 2 बिलियन डॉलर का मुनाफा होने की उम्मीद है। इसके अलावा, SEC ने अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के 2021 के बॉन्ड ऑफरिंग में गलत और भ्रामक बयानों का आरोप लगाया है, जिसके जरिए 2 बिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई गई थी, जिसमें अमेरिकी निवेशकों की भी हिस्सेदारी थी।
अमेरिकी कोर्ट की टिप्पणी
कोर्ट ने SEC से इस मामले में विस्तृत दस्तावेज और सबूत पेश करने को कहा है। जज ने स्पष्ट किया कि अगर जांच में किसी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है, तो कानूनी कार्रवाई को तेज किया जाएगा। अगली स्टेटस रिपोर्ट 11 अगस्त 2025 तक दाखिल की जानी है। यह देरी ट्रांसकॉन्टिनेंटल कोर्ट केस में एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन इसने निवेशकों के बीच अनिश्चितता बढ़ा दी है।
अदानी ग्रुप की प्रतिक्रिया
अदानी ग्रुप ने इन आरोपों को “निराधार” बताया है और कहा है कि वह सभी कानूनी रास्तों का उपयोग करेगा। 24 जून 2025 को अदानी ग्रुप की वार्षिक आम बैठक (AGM) में गौतम अदानी ने कहा कि ग्रुप के किसी भी व्यक्ति पर अमेरिकी फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट (FCPA) का उल्लंघन या न्याय में बाधा डालने का आरोप नहीं है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ग्रुप पूरी तरह से कानूनी प्रक्रियाओं में सहयोग कर रहा है और इसके गवर्नेंस और अनुपालन मानक वैश्विक स्तर के हैं।
शेयर बाजार पर असर
इस खबर के बाद अदानी ग्रुप की प्रमुख कंपनियों जैसे अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी ग्रीन एनर्जी, और अदानी पोर्ट्स के शेयरों में हल्की गिरावट देखी गई। उदाहरण के लिए, 27 जून 2025 को अदानी एंटरप्राइजेज का शेयर 0.8% और अदानी ग्रीन का शेयर 1.2% गिरा। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी है, क्योंकि अदानी ग्रुप ने हाल के वर्षों में मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और रणनीतिक निवेश के साथ अपनी स्थिति मजबूत की है।
भारत सरकार और SEBI की भूमिका
भारत सरकार और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार, SEBI इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अपनी जांच कर रहा है, खासकर 2023 के हिंदनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद से, जिसमें अदानी ग्रुप पर टैक्स हेवन के दुरुपयोग का आरोप लगा था।
अदानी ग्रुप का वित्तीय प्रदर्शन
अदानी ग्रुप ने FY25 में मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दिखाया है। ग्रुप का कुल राजस्व 2,71,664 करोड़ रुपये रहा, जिसमें 7% की वृद्धि हुई। EBITDA 8.2% बढ़कर 89,806 करोड़ रुपये हो गया, और नेट डेट-टू-EBITDA अनुपात 2.6x रहा। ग्रुप ने अगले 5 सालों में 15-20 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष निवेश की योजना बनाई है, जिसमें सौर ऊर्जा, बंदरगाह, और सीमेंट सेक्टर शामिल हैं।
निवेशकों के लिए क्या है इसका मतलब?
यह मामला निवेशकों के लिए अनिश्चितता पैदा कर सकता है, खासकर क्योंकि SEC की जांच अभी शुरुआती चरण में है। हालांकि, अदानी ग्रुप की मजबूत बैलेंस शीट, सरकारी समर्थन, और रणनीतिक निवेश इसे लंबे समय में स्थिरता प्रदान कर सकते हैं। विश्लेषकों का सुझाव है कि निवेशक इस मामले में और स्पष्टता का इंतजार करें और अपने जोखिम प्रबंधन पर ध्यान दें।
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