मंगलुरु, 28 जून 2025: कर्नाटक बैंक, एक सदी पुराना निजी क्षेत्र का बैंक, इन दिनों नेतृत्व संकट से जूझ रहा है। बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ श्रीकृष्णन हरि हारा शर्मा ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के साथ लंबे समय से चले आ रहे मतभेदों के बाद इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के अनुसार, बैंक के एक अन्य वरिष्ठ कार्यकारी, कार्यकारी निदेशक (एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर) सेखर राव, भी जल्द ही अपना पद छोड़ सकते हैं। इस घटनाक्रम ने बैंकिंग सेक्टर में हलचल मचा दी है और निवेशकों के बीच अनिश्चितता बढ़ा दी है। आइए, इस मामले के हर पहलू, इसके कारणों, और बाजार पर इसके प्रभाव को विस्तार से समझते हैं।
बोर्ड से मतभेद: इस्तीफे की जड़
कर्नाटक बैंक में शीर्ष नेतृत्व और बोर्ड के बीच रणनीतिक फैसलों, कॉरपोरेट गवर्नेंस, और नेतृत्व की दिशा को लेकर पिछले कुछ समय से तनाव चल रहा था। मई 2025 में प्रकाशित एक रिपोर्ट में द वायर ने बताया कि सीईओ श्रीकृष्णन हरि हारा शर्मा और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सेखर राव ने बोर्ड की मंजूरी के बिना कई फैसले लिए, जिनमें 1.53 करोड़ रुपये का अनधिकृत खर्च शामिल था। इस खर्च में 1.16 करोड़ रुपये कंसल्टेंट्स की नियुक्ति और 37 लाख रुपये पूंजीगत और राजस्व खर्च शामिल थे।
सबसे विवादास्पद मुद्दा एक डिप्टी जनरल मैनेजर (DGM) की नियुक्ति थी, जिसे बोर्ड ने मंजूरी नहीं दी थी। इस अधिकारी ने 8 अप्रैल 2025 को इस्तीफा दे दिया, लेकिन कुछ ही दिनों बाद उन्हें असिस्टेंट जनरल मैनेजर (AGM) के रूप में फिर से नियुक्त कर लिया गया, जो बोर्ड की मंजूरी के दायरे से बाहर था। इस कदम को बोर्ड के खिलाफ सीधा चुनौती माना गया, जिसने सीईओ और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर की कार्यशैली पर सवाल उठाए। बोर्ड ने इस अनधिकृत खर्च को श्रीकृष्णन और सेखर से वसूलने का आदेश दिया, जिसके बाद नेतृत्व और बोर्ड के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया।
सेखर राव का संभावित इस्तीफा
सूत्रों के अनुसार, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सेखर राव भी जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं। यह खबर बैंक के लिए एक और झटका हो सकती है, क्योंकि सेखर राव लंबे समय से बैंक के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। यदि यह इस्तीफा होता है, तो बैंक की नेतृत्व संरचना पर गहरा असर पड़ सकता है, खासकर तब जब बैंक अपनी सेंटेनरी कैंपेन ‘भारत का कर्नाटक बैंक’ के तहत नए ग्राहकों और निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है।
बैंक की छवि और निवेशकों का विश्वास
कर्नाटक बैंक, जिसकी स्थापना 1924 में हुई थी, को अपनी रूढ़िगत और स्थिर छवि के लिए जाना जाता है। यह बैंक 957 शाखाओं, 1,188 एटीएम, और 11 मिलियन से अधिक ग्राहकों के साथ भारत के 22 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में सक्रिय है। हालांकि, शीर्ष नेतृत्व में यह उथल-पुथल बैंक की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है। निवेशकों और ग्राहकों के बीच विश्वास बनाए रखने के लिए बैंक को जल्द ही नया नेतृत्व नियुक्त करना होगा।
27 जून 2025 को, इस खबर के बाद कर्नाटक बैंक के शेयरों में हल्की गिरावट देखी गई। NSE पर शेयर 2-3% की गिरावट के साथ 225 रुपये के आसपास ट्रेड कर रहा था, जो इसके 52-सप्ताह के उच्च स्तर 286 रुपये से काफी नीचे है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि बैंक जल्द ही स्थिर नेतृत्व स्थापित नहीं करता, तो शेयरों में और गिरावट आ सकती है।
वित्तीय प्रदर्शन: चुनौतियां और अवसर
कर्नाटक बैंक ने FY25 की चौथी तिमाही में मिश्रित वित्तीय प्रदर्शन दिखाया। बैंक का नेट प्रॉफिट 274.1 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 13.7% कम है। कुल आय 2,662.4 करोड़ रुपये रही, लेकिन नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) 3.35% पर स्थिर रहा। बैंक ने बताया कि वह बड़े पैमाने पर डिजिटल और तकनीकी परिवर्तन से गुजर रहा है, जिसके कारण कुछ वित्तीय मेट्रिक्स पर असर पड़ा है। हालांकि, बैंक ने कोई निश्चित समयरेखा नहीं दी कि ये मेट्रिक्स कब तक सुधरेंगे।
कॉरपोरेट गवर्नेंस पर सवाल
इस घटनाक्रम ने कर्नाटक बैंक के कॉरपोरेट गवर्नेंस पर गंभीर सवाल उठाए हैं। स्टैट्यूटरी ऑडिटर्स, रवि राजन एंड कंपनी LLP और RGN प्राइस एंड कंपनी, ने Q4 FY25 के खातों में अनधिकृत खर्च का उल्लेख किया, जो सार्वजनिक दस्तावेजों का हिस्सा है। विश्लेषक हेमिंद्र हजारी ने इसे बैंक के इतिहास में अभूतपूर्व बताया और कहा कि ऐसी स्थिति में सीईओ और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर का पद पर बने रहना असंभव है।
भविष्य की दिशा
कर्नाटक बैंक ने कहा है कि वह जल्द ही नए सीईओ की नियुक्ति करेगा और सभी कार्य सामान्य रूप से चलते रहेंगे। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि बैंक को अपनी गवर्नेंस प्रथाओं को मजबूत करना होगा और नेतृत्व में स्थिरता लानी होगी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) भी इस मामले पर नजर रखे हुए है, और यह संभव है कि वह बैंक के गवर्नेंस ढांचे की समीक्षा करे।
निवेशकों के लिए सुझाव
कर्नाटक बैंक के शेयर में हाल की गिरावट दीर्घकालिक निवेशकों के लिए खरीदारी का अवसर हो सकता है, बशर्ते बैंक जल्द ही स्थिर नेतृत्व स्थापित कर ले। हालांकि, शॉर्ट टर्म में अनिश्चितता बनी रह सकती है। निवेशकों को सलाह है कि वे बैंक की अगली तिमाही के परिणामों और नए नेतृत्व की घोषणा पर नजर रखें। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।
Disclaimer:
इस लेख में प्रस्तुत जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से साझा की गई है। हमारी वेबसाइट https://stocknewshub.in पर शेयर बाजार से जुड़ी कंपनियों की ताज़ा खबरें, बोनस, डिविडेंड, आईपीओ और अन्य निवेश से संबंधित जानकारियाँ प्रकाशित की जाती हैं। हम किसी भी प्रकार की निवेश सलाह प्रदान नहीं करते हैं।
भारतीय शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है, और इसमें निवेश करने पर पूंजी हानि की संभावना हो सकती है। इसलिए किसी भी प्रकार का निवेश निर्णय लेने से पूर्व अपने वित्तीय सलाहकार या सेबी (SEBI) पंजीकृत निवेश सलाहकार से सलाह अवश्य लें। हमारी वेबसाइट स्वयं SEBI द्वारा पंजीकृत नहीं है।
READ MORE:ओरिएंट ग्रीन एनर्जी लिमिटेड: क्या यह पेनी स्टॉक बनाएगा निवेशकों को मालामाल?
वोडाफोन आइडिया शेयर प्राइस: तेजी की वजह और भविष्य की संभावनाएं
वक्रांगी शेयर प्राइस 2025: अपर सर्किट, LIC की हिस्सेदारी, और 75% डिस्काउंट का मौका