कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल को मिला 989 करोड़ का मेगा ऑर्डर

कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड (KPIL), भारत की अग्रणी इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) कंपनियों में से एक, ने हाल ही में अपनी अंतरराष्ट्रीय सहायक कंपनियों के साथ मिलकर 989 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर हासिल किए हैं। यह ऑर्डर मुख्य रूप से पावर ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन (T&D) सेगमेंट में विदेशी बाजारों से प्राप्त हुए हैं।

989 करोड़ का ऑर्डर: क्या है खास?

30 जून 2025 को कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि उसने अपनी अंतरराष्ट्रीय सहायक कंपनियों के साथ मिलकर 989 करोड़ रुपये के ऑर्डर हासिल किए हैं। ये ऑर्डर पावर ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन (T&D) और सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट में विदेशी बाजारों से प्राप्त हुए हैं। कंपनी के प्रबंध निदेशक और सीईओ, मनीष मोहनोत ने कहा, “हमें अपने T&D बिजनेस में लगातार मिल रही सफलता पर गर्व है।

कंपनी का परिचय

कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड (KPIL) की स्थापना 1981 में हुई थी और यह कल्पतरु ग्रुप की एक हिस्सा है। यह भारत की सबसे बड़ी EPC कंपनियों में से एक है, जो 75 से अधिक देशों में अपनी सेवाएं प्रदान करती है। कंपनी के मुख्य बिजनेस सेगमेंट में शामिल हैं:

  • पावर ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन (T&D): डिजाइन, इंजीनियरिंग, टेस्टिंग, और कमीशनिंग में विशेषज्ञता।
  • बिल्डिंग्स एंड फैक्ट्रीज (B&F): हेल्थकेयर, रेजिडेंशियल, कमर्शियल, और इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स।
  • वाटर सप्लाई एंड इरिगेशन: जल आपूर्ति और सिंचाई परियोजनाएं।
  • रेलवे, ऑयल एंड गैस पाइपलाइंस, अर्बन मोबिलिटी (फ्लाईओवर्स और मेट्रो रेल), हाईवे, और एयरपोर्ट्स: विविध इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स।

वित्तीय आंकड़े और भविष्य की संभावनाएं

कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल की वित्तीय स्थिति मजबूत है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का रेवेन्यू 22,316 करोड़ रुपये और नेट प्रॉफिट 567 करोड़ रुपये रहा। हालांकि, पिछले 5 सालों में कंपनी की बिक्री वृद्धि 12% रही, जो औसत से कम है, और इसका रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 9.56% है। कंपनी की प्रमोटर होल्डिंग 33.5% है, लेकिन पिछले 3 सालों में यह 18.1% कम हुई है। म्युचुअल फंड होल्डिंग 40.35% है, जो निवेशकों का भरोसा दर्शाती है।

क्यों निवेशकों की नजर KPIL पर?

  1. मजबूत ऑर्डर बुक: 7,150 करोड़ रुपये की FY26 ऑर्डर बुक और 30,000 करोड़ रुपये की कुल ऑर्डर बुक भविष्य में स्थिर आय सुनिश्चित करती है।
  2. वैश्विक पहुंच: 75+ देशों में प्रोजेक्ट्स और 30 देशों में चल रहे कार्य।
  3. विविध पोर्टफोलियो: T&D, B&F, रेलवे, और अर्बन मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता।
  4. सरकारी और निजी समर्थन: भारत और विदेशों में बड़े प्रोजेक्ट्स और मजबूत क्लाइंट रिलेशनशिप।

निष्कर्ष

कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड ने 989 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर के साथ अपनी स्थिति को और मजबूत किया है। कंपनी की वैश्विक पहुंच, मजबूत ऑर्डर बुक, और विविध पोर्टफोलियो इसे लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए आकर्षक बनाते हैं। हालांकि, स्टॉक की हाल की कमजोरी और कम ROE को ध्यान में रखते हुए, निवेश से पहले गहन विश्लेषण जरूरी है। अगर आप इंफ्रास्ट्रक्चर और EPC सेक्टर में निवेश की तलाश में हैं, तो KPIL पर नजर रखना फायदेमंद हो सकता है।

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