अनिल अंबानी को तगड़ा झटका: SBI ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित करने का लिया फैसला

अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (RCOM) को एक और बड़ा झटका लगा है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कंपनी के लोन अकाउंट को ‘फ्रॉड’ करार देने का फैसला किया है। इसके साथ ही बैंक ने कंपनी के पूर्व डायरेक्टर अनिल धीरजलाल अंबानी का नाम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को रिपोर्ट करने की बात कही है। यह जानकारी RCOM को 30 जून 2025 को SBI द्वारा भेजे गए एक पत्र के जरिए मिली, जो 23 जून 2025 को लिखा गया था। आइए, इस मामले की पूरी जानकारी विस्तार से समझते हैं, जिसमें SBI की कार्रवाई, कंपनी की स्थिति, और निवेशकों पर इसका असर शामिल है।

SBI की कार्रवाई: पत्र में क्या कहा गया?

SBI ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि वह रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन अकाउंट को ‘फ्रॉड’ घोषित करने जा रहा है। यह कार्रवाई RBI के मास्टर सर्कुलर के तहत की जा रही है, जिसमें धोखाधड़ी वाले खातों को वर्गीकृत करने के लिए दिशानिर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, बैंक ने अनिल अंबानी का नाम RBI को भेजने का निर्णय लिया है, क्योंकि वह उस समय कंपनी के डायरेक्टर थे, जब यह लोन लिया गया था। यह पत्र 23 जून 2025 को जारी हुआ और कंपनी को 30 जून 2025 को प्राप्त हुआ।

sorce:nse

RCOM ने स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया कि वह इस मामले में कानूनी सलाह ले रही है और उचित कदम उठाएगी। कंपनी का कहना है कि यह लोन कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) शुरू होने से पहले का है, और वर्तमान में कंपनी का नियंत्रण रेजोल्यूशन प्रोफेशनल अनीश निरंजन नानावटी के पास है, जिन्हें NCLT, मुंबई बेंच ने नियुक्त किया है।

क्या है पूरा मामला?

रिलायंस कम्युनिकेशंस लंबे समय से वित्तीय संकट से जूझ रही है। कंपनी इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड (IBC), 2016 के तहत कॉरपोरेट दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही है। इस प्रक्रिया के तहत कंपनी के बोर्ड का नियंत्रण रेजोल्यूशन प्रोफेशनल के पास है, और अनिल अंबानी का कंपनी से अब कोई सीधा संबंध नहीं है। SBI ने जिस लोन को फ्रॉड घोषित किया है, वह 2016 में लिया गया ₹1,200 करोड़ का लोन था, जिस पर अनिल अंबानी ने पर्सनल गारंटी दी थी।

SBI का आरोप है कि इस लोन का दुरुपयोग किया गया, और इसे ग्रुप की अन्य कंपनियों को ट्रांसफर कर दिया गया, जिससे कर्ज चुकाने में मदद की गई। यह मामला फॉरेंसिक ऑडिट में सामने आया, जिसके आधार पर बैंक ने यह कदम उठाया है।

पहले भी हुई थी ऐसी कार्रवाई

यह पहली बार नहीं है कि RCOM के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित करने की कोशिश की गई हो। इससे पहले नवंबर 2024 में केनरा बैंक ने भी RCOM के ₹1,050 करोड़ के लोन अकाउंट को फ्रॉड करार दिया था। हालांकि, फरवरी 2025 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा कि केनरा बैंक ने कंपनी को अपनी बात रखने का उचित मौका नहीं दिया, जो RBI के नियमों के अनुसार अनिवार्य है। कोर्ट ने RBI से जवाब मांगा था, और अगली सुनवाई 6 मार्च 2025 को होनी है।

RCOM ने दावा किया है कि SBI की मौजूदा कार्रवाई भी उसी तरह की है, और कंपनी को अपनी सफाई पेश करने का पूरा मौका नहीं दिया गया। कंपनी अब इस मामले में कानूनी रास्ता अपनाने की योजना बना रही है।

निवेशकों पर क्या होगा असर?

रिलायंस कम्युनिकेशंस के शेयरों की ट्रेडिंग विंडो वर्तमान में बंद है। बंद होने से पहले इसका शेयर प्राइस ₹1.61 था। कंपनी के शेयरों ने पिछले एक साल में 13% की गिरावट दर्ज की है। अगर इतिहास देखें, तो 2008 में RCOM का शेयर प्राइस ₹840 के पार था, लेकिन उसके बाद भारी गिरावट देखने को मिली। वर्तमान में कंपनी का मार्केट कैप ₹445.46 करोड़ है, जो इसके पिछले गौरवशाली दिनों की तुलना में काफी कम है।

RCOM ने स्पष्ट किया है कि SBI की इस कार्रवाई का उसकी मौजूदा वित्तीय स्थिति पर कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि कंपनी पहले से ही दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही है। हालांकि, निवेशकों के लिए यह खबर निराशाजनक हो सकती है, क्योंकि यह कंपनी की छवि को और नुकसान पहुंचा सकती है।

अनिल अंबानी की वित्तीय स्थिति

अनिल अंबानी की कंपनियां लंबे समय से कर्ज के बोझ तले दबी हैं। रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस इन्फ्राटेल जैसी कंपनियां दिवालिया हो चुकी हैं। अनिल अंबानी ने 2020 में यूके की एक अदालत में खुद को दिवालिया घोषित किया था, और उनकी कुल संपत्ति को शून्य बताया था। इसके बावजूद, उनकी कुछ अन्य कंपनियां, जैसे रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर, हाल के समय में शानदार रिटर्न दे रही हैं। उदाहरण के लिए, रिलायंस पावर ने पिछले एक साल में 134% का रिटर्न दिया है।

हाल ही में, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने ₹273 करोड़ का लोन यस बैंक को चुकाया है, और कंपनी ने ₹3,000 करोड़ की कमाई का लक्ष्य रखा है। लेकिन रिलायंस कम्युनिकेशंस के लिए स्थिति अभी भी जटिल बनी हुई है।

भविष्य की संभावनाएं और निवेशकों के लिए सुझाव

रिलायंस कम्युनिकेशंस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, निवेशकों को सावधानी बरतने की जरूरत है। कंपनी का स्टॉक पहले से ही निचले स्तर पर है, और SBI की इस कार्रवाई से इसकी छवि पर और असर पड़ सकता है। निवेशकों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. उच्च जोखिम: RCOM का स्टॉक अत्यधिक अस्थिर है, और इसका भविष्य अनिश्चित है। केवल उच्च जोखिम सहन करने की क्षमता वाले निवेशक ही इसमें विचार करें।
  2. कानूनी स्थिति: बॉम्बे हाईकोर्ट के पिछले फैसले को देखते हुए, SBI की कार्रवाई पर भी रोक लग सकती है। निवेशकों को कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार करना चाहिए।
  3. पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन: अपने पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें और किसी एक स्टॉक पर अधिक निर्भरता से बचें।
  4. विशेषज्ञ सलाह: निवेश से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।

निष्कर्ष

SBI द्वारा रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित करने का फैसला अनिल अंबानी और उनकी कंपनी के लिए एक बड़ा झटका है। हालांकि, कंपनी इस मामले में कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रही है, और बॉम्बे हाईकोर्ट के पिछले फैसले से उसे कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। निवेशकों के लिए यह समय सतर्क रहने का है, क्योंकि RCOM का स्टॉक पहले से ही दबाव में है। अनिल अंबानी की अन्य कंपनियों में हाल की तेजी के बावजूद, RCOM की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।

Disclaimer:

इस लेख में प्रस्तुत जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से साझा की गई है। हमारी वेबसाइट https://stocknewshub.in पर शेयर बाजार से जुड़ी कंपनियों की ताज़ा खबरें, बोनस, डिविडेंड, आईपीओ और अन्य निवेश से संबंधित जानकारियाँ प्रकाशित की जाती हैं। हम किसी भी प्रकार की निवेश सलाह प्रदान नहीं करते हैं।

भारतीय शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है, और इसमें निवेश करने पर पूंजी हानि की संभावना हो सकती है। इसलिए किसी भी प्रकार का निवेश निर्णय लेने से पूर्व अपने वित्तीय सलाहकार या सेबी (SEBI) पंजीकृत निवेश सलाहकार से सलाह अवश्य लें। हमारी वेबसाइट स्वयं SEBI द्वारा पंजीकृत नहीं है।

READ MORE:Adani Group पर अमेरिकी कोर्ट की बड़ी टिप्पणी: SEC ने साझा की अहम जानकारी, शेयरों में हलचल

Confidence Petroleum को BPCL, HPCL और IOCL से मिला 42 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट, शेयरों पर रहेगी नजर

मोतीलाल ओसवाल की टॉप 3 स्टॉक सिफारिशें: फेडरल बैंक, टाइम टेक्नोप्लास्ट, और ट्रेंट लिमिटेड

Disclaimer: The information published on StockNewsHub.in is strictly for informational and educational purposes only. We are not SEBI-registered investment advisors, and nothing on this website should be construed as financial advice. Always do your own research or consult a certified financial advisor before making investment decisions. Use of this website is at your own risk.

Leave a Comment