रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) भारतीय शेयर मार्केट में एक ऐसा पेनी स्टॉक रहा है, जिसने निवेशकों को रातोंरात करोड़पति बनाया और फिर कंगाल भी कर दिया। 2008 में इसका शेयर प्राइस ₹2200 के शिखर पर था, लेकिन बाद में यह ₹30 तक लुढ़क गया। हाल के महीनों में, खासकर जुलाई 2025 तक, यह स्टॉक ₹385 के आसपास ट्रेड कर रहा है, और लगातार तीन दिनों से अपर सर्किट देखने को मिला है। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि कंपनी की नई डील्स और बेहतर बिजनेस स्ट्रैटेजी इसे फिर से मल्टीबैगर बना सकती है। आइए, इस स्टॉक की कहानी, इसकी तेजी के कारण, और भविष्य की संभावनाओं को समझते हैं।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की रोलरकोस्टर यात्रा
2008 में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का शेयर प्राइस ₹2200 तक पहुंचा था, जिसने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया। पिछले 5 सालों में इसने 1049% रिटर्न दिया है, जो इसे पेनी स्टॉक से मिड-कैप स्टॉक में बदलने की कहानी बयां करता है। हालांकि, 2019 में रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) की दिवालिया प्रक्रिया और अनिल अंबानी से जुड़ी नकारात्मक खबरों ने स्टॉक को ₹30 तक गिरा दिया। ध्यान दें कि अनिल अंबानी को व्यक्तिगत रूप से दिवालिया घोषित नहीं किया गया था, जैसा कि कुछ गलत धारणाएं हैं। जून 2025 में स्टॉक ₹420 तक पहुंचा, और अब यह ₹385 पर ट्रेड कर रहा है।
स्टॉक में हाल की तेजी के कारण
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर में हाल की तेजी के पीछे कई कारण हैं:
- डिफेंस सेक्टर में डील्स: कंपनी की सहायक कंपनी, रिलायंस डिफेंस, ने जर्मन कंपनी राइनमेटल के साथ ₹600 करोड़ और कोस्टल मैकेनिक्स इंक के साथ ₹20,000 करोड़ की डील साइन की है। ये डील्स भारत की डिफेंस क्षमताओं को मजबूत करेंगी और कंपनी की ऑर्डर बुक को बढ़ाएंगी।
- ऋण में कमी: कंपनी ने यस बैंक के साथ ₹273 करोड़ के कर्ज का निपटारा किया और कुल मिलाकर अपने आधे से ज्यादा कर्ज को कम किया है। यह निवेशकों का भरोसा बढ़ाता है।
- बिजनेस मॉडल में सुधार: अनिल अंबानी के बेटों, जय अनमोल और जय अनूप, ने कंपनी के बिजनेस मॉडल में सुधार किया है। उनकी रणनीति ने डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट में कंपनी को नई दिशा दी है।
- मार्केट डिमांड: स्टॉक में वॉल्यूम बढ़ रहा है, और लगातार अपर सर्किट इसकी डिमांड को दर्शाते हैं।
क्या यह स्टॉक फिर बनाएगा करोड़पति?
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर में फिर से मल्टीबैगर रिटर्न की संभावना है। कंपनी का मार्केट कैप ₹15,403 करोड़ है, और यह इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में मिड-कैप कंपनी के रूप में स्थापित हो चुकी है। डिफेंस और क्लीन एनर्जी में इसके हाल के कदम, जैसे सोलर और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स, इसे भविष्य में ग्रोथ की राह पर ले जा सकते हैं। हालांकि, हाल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) द्वारा रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन को फ्रॉड घोषित करने की खबर ने स्टॉक को 5% तक गिराया था, लेकिन कंपनी ने स्पष्ट किया कि इसका रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर पर कोई असर नहीं होगा।
निवेश से पहले क्या ध्यान रखें?
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे पेनी स्टॉक्स में निवेश जोखिम भरा हो सकता है। निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- फंडामेंटल्स: कंपनी का डेट-टू-इक्विटी रेशियो 0.71 है, जो सुधार की ओर इशारा करता है। हालांकि, प्रॉफिट मार्जिन अभी भी कम है।
- प्रमोटर होल्डिंग: 16.58% की प्रमोटर होल्डिंग स्थिरता दर्शाती है, लेकिन यह अन्य मिड-कैप कंपनियों से कम है।
- मार्केट रिस्क: पेनी स्टॉक्स में अस्थिरता ज्यादा होती है। SBI जैसे विवाद और मार्केट सेंटीमेंट स्टॉक को प्रभावित कर सकते हैं।
- लंबी अवधि: डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर में कंपनी की ग्रोथ लंबी अवधि में रिटर्न दे सकती है, लेकिन अल्पकालिक जोखिमों को नजरअंदाज न करें।
भविष्य में कितनी होगी कीमत?
एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि अगर कंपनी अपनी ऑर्डर बुक और डेट रिडक्शन की रणनीति पर कायम रहती है, तो इसका शेयर प्राइस अगले 2-3 सालों में ₹600-₹800 तक जा सकता है। कुछ ब्रोकर्स ने ₹1000 का टारगेट भी दिया है, लेकिन यह कंपनी के प्रोजेक्ट्स की सफलता और मार्केट कंडीशंस पर निर्भर करेगा।
निष्कर्ष
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने 2008 में निवेशकों को करोड़पति बनाया, फिर कंगाल किया, और अब फिर से मल्टीबैगर रिटर्न का मौका दे रहा है। डिफेंस डील्स, कर्ज में कमी, और नए बिजनेस मॉडल ने इसे निवेशकों की नजर में ला दिया है। हालांकि, पेनी स्टॉक्स की अस्थिरता और रिलायंस कम्युनिकेशंस से जुड़े विवाद जोखिम बढ़ाते हैं। निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें और कंपनी के फंडामेंटल्स, जैसे रेवेन्यू ग्रोथ और डेट रेशियो, का विश्लेषण करें। क्या यह स्टॉक फिर से करोड़पति बनाएगा? यह समय और कंपनी की रणनीति बताएगी।
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