ग्रीन एनर्जी सेक्टर में पिछले कुछ सालों से जबरदस्त चर्चा बनी हुई है, और इस सेक्टर की अग्रणी कंपनी इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) का स्टॉक निवेशकों के बीच खासा लोकप्रिय रहा है। हाल ही में कंपनी ने जून 2025 तिमाही (Q1 FY26) के नतीजे जारी किए, जो निवेशकों के लिए मिश्रित संकेत लेकर आए हैं। इस तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 35% घटकर 247 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही में 384 करोड़ रुपये था। हालांकि, कंपनी का रेवेन्यू बढ़ा है, जो एक सकारात्मक संकेत है। आइए, इस लेख में IREDA के स्टॉक प्रदर्शन, फंडामेंटल्स, और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से नजर डालते हैं।
Q1 2025 रिजल्ट: मुनाफे में गिरावट, रेवेन्यू में वृद्धि
IREDA ने जून 2025 तिमाही में अपने वित्तीय नतीजे घोषित किए, जिसमें नेट प्रॉफिट में 35.4% की कमी देखी गई। कंपनी का मुनाफा 247 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही में 384 करोड़ रुपये था। यह गिरावट कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि बढ़ती फाइनेंस लागत और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) में मामूली वृद्धि। Q4 FY25 में नेट प्रॉफिट 501.55 करोड़ रुपये था, जो तिमाही-दर-तिमाही आधार पर भी 50% से अधिक की गिरावट दर्शाता है।
IREDA स्टॉक का रिस्पॉन्स: पिछले साल में 40% की गिरावट
IREDA के स्टॉक ने पिछले एक साल में निवेशकों को निराश किया है। पिछले 12 महीनों में स्टॉक में 40% की गिरावट आई है, और पिछले 6 महीनों में 15% से अधिक की कमी देखी गई। 10 जुलाई 2025 को स्टॉक की कीमत 169.57 रुपये (NSE) थी, जो अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तर 310 रुपये से काफी नीचे है, हालांकि यह 52-सप्ताह के निचले स्तर 137.01 रुपये से ऊपर है। पिछले 5 वर्षों में स्टॉक ने 170% का रिटर्न दिया है, जो लंबी अवधि के निवेशकों के लिए सकारात्मक है।
IREDA के फंडामेंटल्स: मजबूत आधार, कुछ चुनौतियां
IREDA का मार्केट कैपिटलाइजेशन 47,656 करोड़ रुपये है, जो इसे ग्रीन एनर्जी सेक्टर में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाता है। कंपनी की बुक वैल्यू 38.20 रुपये प्रति शेयर है, जबकि वर्तमान शेयर प्राइस 170 रुपये के आसपास है। EPS (अर्निंग्स पर शेयर) 6.32 रुपये है, जो पिछले साल की तुलना में 35.7% की वृद्धि दर्शाता है। ROE 16.54% और डेट-टू-इक्विटी अनुपात 6.31 कंपनी की वित्तीय सेहत को दर्शाते हैं।
ग्रीन एनर्जी सेक्टर में IREDA की स्थिति
1987 में स्थापित, IREDA एक नवरत्न कंपनी है, जो न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय (MNRE) के तहत काम करती है। यह भारत की सबसे बड़ी ग्रीन फाइनेंसिंग NBFC है, जो सोलर, विंड, हाइड्रो, और बायोमास जैसे प्रोजेक्ट्स को फाइनेंस करती है। कंपनी ने 3,000 से अधिक प्रोजेक्ट्स को फंड किया है और भारत के 500 GW गैर-जीवाश्म ईंधन लक्ष्य (2030) में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
क्या IREDA में निवेश करना चाहिए?
IREDA के Q1 2025 नतीजों में मुनाफे की गिरावट चिंता का विषय है, लेकिन रेवेन्यू और लोन बुक की वृद्धि सकारात्मक संकेत देती है। विश्लेषकों का कहना है कि लंबी अवधि के निवेशक इस स्टॉक पर विचार कर सकते हैं, क्योंकि ग्रीन एनर्जी सेक्टर में भारत सरकार का जोर और IREDA की रणनीतिक स्थिति इसे आकर्षक बनाती है। हालांकि, 1.35% का ग्रॉस NPA और स्टॉक की अस्थिरता जोखिम बढ़ाती है।
निष्कर्ष
IREDA ग्रीन एनर्जी सेक्टर में एक मजबूत खिलाड़ी है, लेकिन हालिया मुनाफे में गिरावट और स्टॉक की अस्थिरता निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह देती है। कंपनी की बढ़ती लोन बुक, संस्थागत निवेशकों का भरोसा, और सरकारी समर्थन इसे लंबी अवधि के लिए आकर्षक बनाते हैं। निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूरी है।
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