RVNL का धमाल: दिल्ली मेट्रो से ₹447 करोड़ का ठेका, 7 नए स्टेशन बनाएगी, 5 साल में 1880% रिटर्न!

भारतीय शेयर बाजार में कुछ कंपनियां ऐसी हैं, जो अपने निवेशकों को शानदार रिटर्न देने के साथ-साथ बड़े प्रोजेक्ट्स हासिल करके सुर्खियां बटोरती हैं। रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ऐसी ही एक कंपनी है, जिसने हाल ही में दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) से ₹447.42 करोड़ का ठेका हासिल किया है। इस ठेके के तहत कंपनी 7.298 किमी लंबा वायाडक्ट और 7 नए मेट्रो स्टेशन बनाएगी। इसके अलावा, RVNL ने पिछले 5 सालों में निवेशकों को 1880% का बंपर रिटर्न दिया है, जो इसे मल्टीबैगर स्टॉक की श्रेणी में लाता है। आइए, इस ठेके, कंपनी के प्रदर्शन, और निवेश की संभावनाओं को विस्तार से समझते हैं।

दिल्ली मेट्रो फेज-IV का ₹447 करोड़ का ठेका

RVNL को दिल्ली मेट्रो फेज-IV के तहत लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर के लिए एक महत्वपूर्ण ठेका मिला है। इस प्रोजेक्ट में 7.298 किमी लंबे वायाडक्ट और 7 स्टेशनों (प्लेटफॉर्म्स) का निर्माण शामिल है, जिनमें पुष्प विहार, साकेत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, पुष्पा भवन, चिराग दिल्ली, ग्रेटर कैलाश-I, एंड्रयूज गंज, और लाजपत नगर शामिल हैं। सभी स्टेशनों पर प्री-इंजीनियर्ड बिल्डिंग स्ट्रक्चर बनाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट की लागत ₹447.42 करोड़ (18% GST सहित) है, और इसे 36 महीनों (1095 दिन) में पूरा करना है। DMRC ने 25 अप्रैल 2025 को टेक्निकल बिड्स खोली थीं, जिसमें 5 कंपनियों ने हिस्सा लिया। 2 जुलाई को फाइनेंशियल बिड्स खोलने पर RVNL को लोएस्ट बिडर (L1) घोषित किया गया।

पिछले हफ्ते RVNL को सेंट्रल रेलवे से ₹143 करोड़ का एक और ठेका मिला, जिसमें सलेम जंक्शन-पोदनूर जंक्शन और इरुगुर-कोयंबटूर-पोदनूर खंड में इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम को 1x25kV से 2x25kV में अपग्रेड करना है। इस प्रोजेक्ट को 24 महीनों में पूरा करना है। ये ठेके RVNL की मजबूत ऑर्डर बुक को और बढ़ाते हैं, जो वर्तमान में ₹97,000-98,000 करोड़ की है।

5 साल में 1880% का रिटर्न

RVNL के शेयरों ने निवेशकों को पिछले कुछ सालों में शानदार रिटर्न दिए हैं। पिछले 5 सालों में इसने 1880% का रिटर्न दिया, जबकि 3 सालों में 1441% की बढ़त दर्ज की गई। हालांकि, पिछले एक साल में शेयर में 39% की गिरावट देखी गई, जो बाजार की अस्थिरता को दर्शाता है। 14 जुलाई 2025 को RVNL का शेयर 0.17% की बढ़त के साथ ₹382.30 पर बंद हुआ। इसका 52-सप्ताह का हाई ₹639 और लो ₹295 रहा। कंपनी की मार्केट कैप ₹79,710 करोड़ है, और P/E रेशियो 62.2 है, जो इसे प्रीमियम वैल्यूएशन पर रखता है।

कंपनी क्या करती है?

2003 में स्थापित RVNL भारत सरकार की एक मिनी रत्न PSU है, जो रेल मंत्रालय के तहत काम करती है। कंपनी रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को अंजाम देती है, जैसे:

  • नई रेल लाइनें बिछाना
  • रेल लाइनों का दोहरीकरण और गेज परिवर्तन
  • रेलवे विद्युतीकरण और सिग्नलिंग सिस्टम
  • बड़े रेलवे पुल, वर्कशॉप्स, और मेट्रो प्रोजेक्ट्स

RVNL की सहयोगी कंपनियां, जैसे RVNL-URCC JV, नागपुर मेट्रो, इंदौर मेट्रो, और चेन्नई मेट्रो जैसे प्रोजेक्ट्स में सक्रिय हैं। कंपनी ने हाल ही में महाराष्ट्र मेट्रो से ₹270 करोड़ का ठेका भी हासिल किया, जिसमें 10 एलिवेटेड स्टेशन बनाए जाएंगे।

वित्तीय प्रदर्शन

FY25 की दूसरी तिमाही में RVNL का नेट प्रॉफिट ₹286.89 करोड़ रहा, जो पिछले साल की तुलना में 27.26% कम है। रेवेन्यू ₹4,854.95 करोड़ रहा, जो 1.2% की गिरावट दर्शाता है। हालांकि, तिमाही आधार पर प्रॉफिट में 28.1% की बढ़त और रेवेन्यू में 19.2% की वृद्धि हुई। कंपनी का ऑर्डर बुक ₹97,000-98,000 करोड़ का है, जिसमें ₹47,000 करोड़ रेलवे प्रोजेक्ट्स और बाकी डायवर्सिफाइड सेक्टर्स से हैं। FY25 में कंपनी को ₹20,000-22,000 करोड़ का रेवेन्यू और ₹20,000-25,000 करोड़ के नए ऑर्डर्स की उम्मीद है।

निवेशकों के लिए क्यों है खास?

RVNL की मजबूत ऑर्डर बुक और सरकारी समर्थन इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है। 74% प्रमोटर होल्डिंग और 12.16% FII होल्डिंग कंपनी में भरोसा दर्शाती है। दिल्ली मेट्रो और अन्य मेट्रो प्रोजेक्ट्स में RVNL की बढ़ती हिस्सेदारी इसे अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में मजबूत खिलाड़ी बनाती है। मार्केट एक्सपर्ट्स का टारगेट प्राइस ₹450-500 के बीच है, जो 18-30% अपसाइड की संभावना दर्शाता है।

सावधानी और सलाह

RVNL का शेयर भले ही लॉन्ग-टर्म में मल्टीबैगर रहा हो, लेकिन हाल की 39% गिरावट और हाई P/E रेशियो जोखिम दर्शाते हैं। निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से सलाह लें और बाजार की अस्थिरता, प्रोजेक्ट एग्जीक्यूशन, और मैक्रोइकॉनमिक फैक्टर्स का विश्लेषण करें।

निष्कर्ष: RVNL का ₹447 करोड़ का दिल्ली मेट्रो ठेका और 1880% का ऐतिहासिक रिटर्न इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है। कंपनी की मजबूत ऑर्डर बुक और रेलवे-मेट्रो प्रोजेक्ट्स में बढ़ती हिस्सेदारी भविष्य में ग्रोथ की संभावना दर्शाती है। 18 जुलाई 2025 तक शेयर खरीदने वाले निवेशक इस प्रोजेक्ट के फायदों का लाभ उठा सकते हैं।

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