धारण इन्फ्रा-ईपीसी शेयर प्राइस: 1 रुपये से सस्ता शेयर दे रहा कमाई, 4.30 करोड़ के OTS समझौते से चमका

पेनी स्टॉक्स को निवेश के लिहाज से जोखिम भरा माना जाता है, लेकिन कई बार ये कंपनी की रणनीति और स्मार्ट वित्तीय फैसलों के चलते शानदार रिटर्न भी दे सकते हैं। ऐसा ही कुछ धारण इन्फ्रा-ईपीसी (Dharan Infra-EPC) के साथ देखने को मिल रहा है। इस कंपनी के शेयरों में हाल ही में जबरदस्त उछाल देखा गया है, जो लगातार चार ट्रेडिंग सेशनों से अपर सर्किट में हैं। आइए, इस तेजी की वजह और कंपनी के ताजा वित्तीय कदमों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

शेयरों में तेजी की वजह: OTS समझौता

धारण इन्फ्रा-ईपीसी के शेयरों में यह तेजी कंपनी के हालिया वित्तीय कदमों का नतीजा है। 28 जुलाई 2025 को कंपनी ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के साथ 4.30 करोड़ रुपये के एकमुश्त निपटान (One-Time Settlement – OTS) समझौते की घोषणा की। इस समझौते के तहत कंपनी ने बकाया राशि का 10%, यानी 43 लाख रुपये, उसी दिन प्रारंभिक भुगतान के रूप में जमा किए। बाकी राशि को तीन किस्तों में चुकाया जाएगा, जिसमें अंतिम किस्त जनवरी 2026 तक देनी होगी। इस कदम ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है, जिसका असर शेयर की कीमतों पर साफ दिख रहा है।

मंगलवार, 5 अगस्त 2025 को कंपनी का शेयर 2% से ज्यादा की बढ़त के साथ 0.48 रुपये पर ट्रेड करता दिखा। सोमवार, 4 अगस्त को भी शेयर में 5% का उछाल देखा गया, जब यह अपने पिछले बंद भाव 0.44 रुपये से बढ़कर 0.46 रुपये तक पहुंचा। यह लगातार चौथा सेशन था जब शेयर अपर सर्किट पर बंद हुआ। इस तेजी ने 1 रुपये से कम कीमत वाले इस पेनी स्टॉक को निवेशकों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है।

OTS समझौते से कंपनी को फायदे

यह OTS समझौता धारण इन्फ्रा-ईपीसी के लिए कई मायनों में फायदेमंद साबित हो सकता है। कंपनी के मुताबिक, इस कदम से निम्नलिखित लाभ होंगे:

  • बैलेंस शीट में सुधार: OTS से कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी, जिससे इसका कर्ज का बोझ कम होगा।
  • हितधारकों का भरोसा: यह समझौता निवेशकों और हितधारकों के बीच कंपनी की विश्वसनीयता को बढ़ाएगा।
  • वित्तीय अनुशासन: यह कदम कंपनी के विस्तार और भविष्य की परियोजनाओं के लिए वित्तीय अनुशासन की नींव रखेगा।
  • कोलैटरल बेस्ड कर्ज: कंपनी के कुछ कर्ज डिफॉल्ट की श्रेणी में हैं, लेकिन ये पूरी तरह से कोलैटरल बेस्ड हैं, जो उधारदाताओं को सुरक्षा प्रदान करते हैं।

कंपनी अन्य उधारदाताओं के साथ भी बातचीत कर रही है, ताकि बाकी वित्तीय दायित्वों को भी व्यवस्थित किया जा सके। यह कदम कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है, जिससे यह अपने कारोबार को और मजबूत कर सके।

धारण इन्फ्रा-ईपीसी का कारोबार

2007 में स्थापित धारण इन्फ्रा-ईपीसी एक इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) कंपनी है, जो मुख्य रूप से रियल एस्टेट और सिविल कॉन्ट्रैक्ट्स में काम करती है। कंपनी का फोकस आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं पर रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में इसने इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में भी कदम रखा है। इसमें रेलवे, सड़क, पुल, बंदरगाह और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। कंपनी अपनी सहायक कंपनी, सोलर प्राइवेट लिमिटेड, के जरिए सौर और हाइब्रिड ऊर्जा क्षेत्र में भी विस्तार कर रही है।

कंपनी की मार्केट कैप 200 करोड़ रुपये से अधिक है, और यह अपने निवेशकों के लिए नई संभावनाएं तलाश रही है। इसके बावजूद, कंपनी की वित्तीय स्थिति कुछ चिंताएं भी पैदा करती है। उदाहरण के लिए, पिछले पांच सालों में कंपनी की बिक्री में -30.9% की गिरावट देखी गई है, और 2025 में इसका नेट नुकसान 38.34 करोड़ रुपये रहा। फिर भी, OTS जैसे कदमों से कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने की दिशा में काम कर रही है।

निवेशकों के लिए जोखिम और अवसर

पेनी स्टॉक्स जैसे धारण इन्फ्रा-ईपीसी में निवेश जोखिम भरा हो सकता है। कंपनी का शेयर इस साल -54.91% और पिछले पांच दिनों में -7.14% नीचे रहा है, जो निवेशकों के लिए चेतावनी का संकेत है। इसके अलावा, कंपनी का प्रमोटर होल्डिंग केवल 0.83% है, जो निवेशकों के लिए विश्वास का एक कमजोर पहलू हो सकता है। फिर भी, OTS समझौते और कंपनी के इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में विस्तार जैसे कदम निवेशकों के लिए आशा की किरण दिखाते हैं।

क्यों है चर्चा में?

धारण इन्फ्रा-ईपीसी के शेयरों की हालिया तेजी और OTS समझौते ने इसे निवेशकों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है। कंपनी की रणनीति, खासकर रिन्यूएबल एनर्जी और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में विस्तार, इसे भविष्य के लिए एक आकर्षक विकल्प बना सकता है। हालांकि, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन, जैसे कि कम बिक्री वृद्धि और नेट नुकसान, को ध्यान में रखकर ही निवेश करें।

निष्कर्ष

धारण इन्फ्रा-ईपीसी एक ऐसी कंपनी है जो अपने स्मार्ट वित्तीय कदमों और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में विस्तार के जरिए निवेशकों का ध्यान खींच रही है। 4.30 करोड़ रुपये का OTS समझौता और लगातार चार दिनों का अपर सर्किट इसकी मौजूदा लोकप्रियता को दर्शाता है। फिर भी, पेनी स्टॉक्स की अस्थिरता और कंपनी की वित्तीय चुनौतियों को देखते हुए, निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। अगर आप इस शेयर में निवेश पर विचार कर रहे हैं, तो अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर करें।

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