अनिल अंबानी के लिए ये दिन सुनहरे साबित हो रहे हैं। उनकी कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की सहायक कंपनी रिलायंस डिफेंस को जर्मनी की दिग्गज रक्षा कंपनी राइनमेटल वाफे म्यूनिशन GmbH से 600 करोड़ रुपये का बड़ा एक्सपोर्ट ऑर्डर मिला है। इस खबर ने शेयर बाजार में तहलका मचा दिया, और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयर 5% उछलकर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 404.65 रुपये के अपर सर्किट पर पहुंच गए। यह ऑर्डर हाई-टेक गोला-बारूद का है, जिसे कंपनी ने अब तक का सबसे बड़ा निर्यात ऑर्डर बताया है। आइए, इस खबर के हर पहलू को विस्तार से समझते हैं।
रिलायंस डिफेंस को 600 करोड़ का ऑर्डर
रिलायंस डिफेंस ने राइनमेटल AG के साथ 600 करोड़ रुपये का सौदा किया है। यह ऑर्डर हाई-टेक गोला-बारूद के निर्यात के लिए है, जो यूरोप में भारत की रक्षा निर्माण क्षमता को मजबूत करेगा। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि यह सौदा वैश्विक रक्षा आपूर्ति शृंखला में रिलायंस डिफेंस को एक भरोसेमंद नाम बनाएगा। रिलायंस ग्रुप के फाउंडर चेयरमैन अनिल अंबानी ने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा, “राइनमेटल के साथ यह रणनीतिक साझेदारी भारत में अत्याधुनिक तकनीक लाएगी और निजी रक्षा क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगी।”
यह ऑर्डर महाराष्ट्र के रत्नागिरी में बन रही धीरूभाई अंबानी डिफेंस सिटी (DADC) में पूरा होगा। यह भारत का सबसे बड़ा निजी रक्षा निर्माण हब बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
शेयरों में जबरदस्त उछाल
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयरों ने इस खबर के बाद निवेशकों का ध्यान खींचा। बुधवार, 25 जून 2025 को शेयर 5% की तेजी के साथ 404.65 रुपये पर बंद हुआ। पिछले एक महीने में शेयरों ने 38% की शानदार बढ़त दर्ज की है। साल 2025 में अब तक यह 27% चढ़ चुका है, जबकि पिछले छह महीनों में 34% की वृद्धि हुई है।
- 52-सप्ताह का उच्च स्तर: 420 रुपये (11 जून 2025)
- 52-सप्ताह का निचला स्तर: 169.51 रुपये (23 जुलाई 2024)
- मार्केट कैप: 16,029.45 करोड़ रुपये
यह उछाल निवेशकों के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है। हालांकि, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि शेयर बाजार में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूरी है।
अनिल अंबानी का धमाकेदार कमबैक
अनिल अंबानी का फोकस अब डिफेंस सेक्टर पर है, और उनकी मेहनत रंग ला रही है। हाल ही में रिलायंस डिफेंस ने फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन के साथ फाल्कन 2000 जेट निर्माण के लिए साझेदारी की थी। इसके अलावा, जर्मनी की डाइहल डिफेंस के साथ नेक्स्ट-जेनरेशन आर्टिलरी शेल्स के प्रोडक्शन की डील भी इस महीने की शुरुआत में हुई। राइनमेटल के साथ पहले से चली आ रही साझेदारी को इस नए ऑर्डर ने और मजबूत किया है।
इन सौदों से न केवल रिलायंस डिफेंस की वैश्विक पहचान बढ़ रही है, बल्कि भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को भी बल मिल रहा है। अनिल अंबानी का लक्ष्य रिलायंस डिफेंस को दुनिया के टॉप-3 रक्षा निर्यातकों में शामिल करना है।
धीरूभाई अंबानी डिफेंस सिटी: भारत का गौरव
महाराष्ट्र के रत्नागिरी में बन रही धीरूभाई अंबानी डिफेंस सिटी (DADC) भारत के रक्षा क्षेत्र में गेम-चेंजर साबित होगी। इस ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। यहां हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, और स्मॉल आर्म्स का उत्पादन होगा। इस प्लांट की सालाना क्षमता है:
- 2 लाख तोप के गोले
- 10,000 टन विस्फोटक
- 2,000 टन प्रोपेलेंट
यह प्रोजेक्ट भारत को रक्षा निर्यात में अग्रणी बनाने के साथ-साथ रोजगार सृजन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।
क्यों खास है यह डील?
- आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा: यह ऑर्डर भारत की रक्षा निर्माण क्षमता को मजबूत करेगा और आयात पर निर्भरता कम करेगा।
- वैश्विक पहचान: यूरोप में रिलायंस डिफेंस की उपस्थिति मजबूत होगी, जिससे भारत का नाम रक्षा आपूर्ति में चमकेगा।
- निजी क्षेत्र की जीत: यह सौदा निजी रक्षा कंपनियों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है।
- आर्थिक लाभ: इस ऑर्डर से कंपनी की वैल्यूएशन में 760 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है।
निवेशकों के लिए सलाह
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में हालिया तेजी आकर्षक है, लेकिन शेयर बाजार में जोखिम हमेशा रहता है। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल्स, मार्केट ट्रेंड, और अपने वित्तीय लक्ष्यों का विश्लेषण करें। किसी भी निवेश निर्णय से पहले सेबी-पंजीकृत वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।
निष्कर्ष
अनिल अंबानी का कमबैक रिलायंस डिफेंस के जरिए शानदार तरीके से हो रहा है। 600 करोड़ रुपये का यह ऑर्डर न केवल कंपनी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है
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