भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया, जिसने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन (EV) मार्केट में हलचल मचा दी। मंत्रालय ने फेम-II (Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles) सब्सिडी को पूरी तरह खत्म करने की दिशा में कदम उठाया है। इस खबर के बाद ऑटो सेक्टर की दिग्गज कंपनियों Bajaj Auto और TVS Motor के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। आइए, इस फैसले के असर, शेयर बाजार की प्रतिक्रिया और निवेशकों के लिए सलाह पर विस्तार से नजर डालते हैं।
ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री का फैसला: फेम-II सब्सिडी पर लगी रोक
23 जून 2025 को X पर @MoneycontrolH ने पोस्ट किया कि MoRTH के इस फैसले ने ऑटो सेक्टर को झटका दिया है। फेम-II सब्सिडी, जो इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की कीमत को किफायती बनाने में मदद करती थी, अब खत्म होने की कगार पर है। यह सब्सिडी अप्रैल 2024 में पहले ही समाप्त हो चुकी थी, जिसके बाद EV कीमतों में बढ़ोतरी हुई थी। अब इसकी पूरी समाप्ति से इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक की मांग पर और असर पड़ सकता है।
शेयर बाजार में हलचल
मंत्रालय के फैसले की खबर के बाद 23 जून 2025 को Bajaj Auto और TVS Motor के शेयरों में तीव्र गिरावट दर्ज की गई।
- Bajaj Auto: शेयर 3.2% टूटकर ₹8,200.50 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव ₹8,468.00 से कम है। इससे कंपनी का मार्केट कैप ₹2,29,000 करोड़ के आसपास पहुंच गया, जिसमें करीब ₹7,500 करोड़ की कमी आई।
- TVS Motor: शेयर 2.8% गिरकर ₹2,650 पर बंद हुआ। इस गिरावट ने कंपनी के मार्केट कैप को ₹1,26,000 करोड़ के स्तर पर ला दिया।
Moneycontrol की रिपोर्ट के अनुसार, इस गिरावट का कारण निवेशकों में बढ़ती चिंता और EV मार्केट की अनिश्चितता है। X पर निवेशकों ने इसे “EV सेक्टर के लिए मुश्किल समय” करार दिया, जबकि कुछ ने कंपनियों की लंबी अवधि की रणनीति पर भरोसा जताया।
फेम-II सब्सिडी खत्म होने का असर
फेम-II सब्सिडी ने EV निर्माताओं को लागत कम करने और उपभोक्ताओं को किफायती कीमतों पर स्कूटर उपलब्ध कराने में मदद की थी। उदाहरण के लिए, TVS iQube की कीमत 2021 में सब्सिडी के कारण ₹11,250 कम हो गई थी। अब सब्सिडी खत्म होने से:
- कीमतों में बढ़ोतरी: इलेक्ट्रिक स्कूटर की कीमतें ₹10,000-₹15,000 तक बढ़ सकती हैं, जिससे मांग पर असर पड़ सकता है।
- बिक्री में कमी: FY25 में Bajaj Auto और TVS Motor ने क्रमशः 3.59 लाख और 2.1 लाख EV यूनिट्स बेचीं। सब्सिडी हटने से Q1 FY26 में बिक्री 10-15% गिर सकती है।
- प्रतिस्पर्धा का दबाव: Ather Energy और Hero MotoCorp जैसी कंपनियां भी प्रभावित होंगी, लेकिन Bajaj और TVS की मजबूत ब्रांड वैल्यू उन्हें प्रतिस्पर्धा में टिकाए रख सकती है।
विश्लेषकों की राय
बाजार विशेषज्ञों ने इस फैसले को EV सेक्टर के लिए “अल्पकालिक झटका” बताया है।
- Nomura: सब्सिडी हटने से दोपहिया EV की मांग 3-5% कम हो सकती है, खासकर ₹1 लाख से कम कीमत वाले सेगमेंट में।
- Jefferies: Bajaj Auto और TVS Motor ने FY25 में EV मार्केट शेयर बढ़ाया है (संयुक्त रूप से 40%)। सब्सिडी खत्म होने के बावजूद, इनकी प्रीमियम EV रणनीति लंबी अवधि में फायदेमंद हो सकती है।
- **Kotak Institutional Equities: “EV कीमतों में बढ़ोतरी से ग्रामीण और सेमी-अरबन मार्केट सबसे ज्यादा प्रभावित होगा। निवेशकों को Q2 FY26 तक रणनीति में बदलाव का इंतजार करना चाहिए।”
कंपनियों की स्थिति
- Bajaj Auto: कंपनी ने FY25 में ₹50,995 करोड़ का रेवेन्यू और ₹8,074 करोड़ का प्रॉफिट दर्ज किया। इसकी Chetak इलेक्ट्रिक स्कूटर ने 1.3 लाख यूनिट्स की बिक्री के साथ 35% मार्केट शेयर हासिल किया। कंपनी अब CNG और 100% बायो-एथनॉल वाहनों पर फोकस बढ़ा रही है, जिसे MoRTH ने 2018 से अनुमति दी है।
- TVS Motor: TVS iQube ने FY25 में 2.1 लाख यूनिट्स बेचीं, और कंपनी का रेवेन्यू ₹39,600 करोड़ रहा। TVS भी बायो-एथनॉल और हाइब्रिड मॉडल्स पर काम कर रही है, जो सब्सिडी हटने के बाद वैकल्पिक रणनीति हो सकती है।
निवेशकों के लिए सलाह
- शॉर्ट-टर्म: सब्सिडी हटने से EV सेक्टर में अस्थिरता रह सकती है। विश्लेषकों ने Bajaj Auto (₹8,000-₹8,400) और TVS Motor (₹2,500-₹2,700) के लिए “होल्ड” रेटिंग दी है।
- लॉन्ग-टर्म: दोनों कंपनियां EV और ICE (Internal Combustion Engine) सेगमेंट में मजबूत हैं। Goldman Sachs ने Bajaj Auto के लिए ₹9,500 और TVS Motor के लिए ₹3,000 का टारगेट दिया है, जो 15-20% अपसाइड दर्शाता है।
- सावधानी: Q1 FY26 के परिणाम और सरकार की नई EV नीति पर नजर रखें। बजट 2025 में नई सब्सिडी या टैक्स छूट की घोषणा हो सकती है।
निष्कर्ष
ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री का फेम-II सब्सिडी खत्म करने का फैसला EV मार्केट के लिए बड़ा झटका है। Bajaj Auto और TVS Motor जैसे दिग्गजों को अब नई रणनीतियों, जैसे बायो-एथनॉल वाहन और प्रीमियम EV मॉडल्स, पर फोकस करना होगा। निवेशकों को अल्पकालिक उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए, लेकिन लंबी अवधि में इन कंपनियों की मजबूत फंडामेंटल्स और मार्केट लीडरशिप फायदा दे सकती है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।
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