भारतीय शेयर बाजार में ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयर ने 14 जुलाई 2025 को जबरदस्त हलचल मचाई। दिन की शुरुआत में शेयर ने 102% की जोरदार उछाल दर्ज की, लेकिन दिन के अंत में यह 5% की गिरावट के साथ लोअर सर्किट में बंद हुआ। अगर आप ब्राइटकॉम ग्रुप जैसे शेयरों में निवेश की सोच रहे हैं या इस पर नजर रखे हुए हैं, तो इससे जुड़ी हकीकत को समझना बेहद जरूरी है। इस आर्टिकल में हम ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयर की हालिया गतिविधियों, सेबी के प्रतिबंधों, कंपनी की स्थिति और निवेशकों के लिए सलाह को विस्तार से समझेंगे।
शेयर में 102% की उछाल, फिर लोअर सर्किट
लगभग एक साल तक ट्रेडिंग सस्पेंशन के बाद, ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयर में 14 जुलाई 2025 को बीएसई और एनएसई पर नियमित कारोबार शुरू हुआ। सेबी ने कॉर्पोरेट गवर्नेंस और वित्तीय अनियमितताओं के चलते जून 2024 में इस शेयर पर ट्रेडिंग रोक दी थी। ट्रेडिंग शुरू होने के लिए सेबी ने एक स्पेशल प्री-ओपन सेशन (SPOS) आयोजित किया, जो रिलिस्टिंग के लिए प्राइस डिस्कवरी में मदद करता है। इस सेशन में शेयर की कीमत 10 रुपये से बढ़कर 22 रुपये के उच्च स्तर पर पहुंच गई, यानी 102% की उछाल। लेकिन, इसके बाद भारी बिकवाली के चलते शेयर 5% गिरकर 20.71 रुपये पर लोअर सर्किट में बंद हुआ।
यह तेज उछाल और फिर गिरावट निवेशकों के लिए कई सवाल खड़े करती है। आखिर इस शेयर में इतनी हलचल क्यों हुई, और क्या यह निवेश के लिए सुरक्षित है?
जेड कैटेगरी और ट्रेड-फॉर-ट्रेड सेगमेंट
इससे पहले ब्राइटकॉम ग्रुप का शेयर जेड कैटेगरी (ट्रेड-फॉर-ट्रेड सेगमेंट) में लिस्टेड था, जहां ट्रेडिंग केवल सप्ताह के पहले कारोबारी दिन ही हो सकती थी, वो भी 5% सर्किट लिमिट के साथ। इस कैटेगरी में उन कंपनियों को रखा जाता है, जिनके वित्तीय रिकॉर्ड या कॉर्पोरेट गवर्नेंस में सवाल उठते हैं। सेबी ने ब्राइटकॉम को इस कैटेगरी में रखा था क्योंकि कंपनी ने वित्तीय नतीजों, शेयरहोल्डिंग पैटर्न और अन्य नियमों का पालन नहीं किया था।
कंपनी क्या करती है?
ब्राइटकॉम ग्रुप एक डिजिटल मार्केटिंग और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी है, जिसका मार्केट कैप करीब 4,132.70 करोड़ रुपये है। यह कंपनी दुनियाभर में व्यवसायों, एजेंसियों और ऑनलाइन पब्लिशर्स के लिए डिजिटल मार्केटिंग सॉल्यूशंस प्रदान करती है। इसके अलावा, यह इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में भी काम करती है। कंपनी के प्रमुख प्लेटफॉर्म्स में ONETAG, VOLOMP, COMPASS, और BRIGHTCOM PROGRAMMATIC PLATFORM शामिल हैं, जो विज्ञापन और मीडिया ऑप्टिमाइजेशन में मदद करते हैं।
कंपनी लगभग कर्ज मुक्त है और पिछले तीन वित्त वर्षों में लगातार नेट प्रॉफिट दर्ज कर रही है। मार्च 2025 की तिमाही में कंपनी ने 710.04 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हासिल किया। हालांकि, इसके बावजूद, शेयर की कीमत इसकी बुक वैल्यू से काफी कम है, जो निवेशकों के लिए आकर्षक लग सकता है।
सेबी ने क्यों लगाया था प्रतिबंध?
ब्राइटकॉम ग्रुप पिछले कुछ सालों से सेबी की रडार पर था। सेबी ने कंपनी पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिनमें शामिल हैं:
- वित्तीय अनियमितताएं: सेबी ने पाया कि कंपनी ने 2014-15 से 2020 तक अपने खर्चों को कम दिखाया और मुनाफे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। सेबी के अनुसार, कंपनी ने इस दौरान 1,280 करोड़ रुपये की लेखा जोखा में हेराफेरी की।
- जानकारी छिपाना: कंपनी ने शेयरहोल्डिंग पैटर्न को गलत तरीके से प्रस्तुत किया। उदाहरण के लिए, जून 2022 में कंपनी ने प्रमोटर शेयरहोल्डिंग 18.47% दिखाई, जबकि वास्तविक शेयरहोल्डिंग केवल 3.51% थी।
- विलंबित रिपोर्टिंग: कंपनी ने वित्तीय नतीजों, वार्षिक आम सभाओं (AGM) और प्रमुख प्रबंधकीय नियुक्तियों में देरी की।
- प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट: सेबी ने शेयरों और वारंट्स के प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट में अनियमितताएं पाईं, जिसके चलते कंपनी के शीर्ष अधिकारियों, जैसे चेयरमैन और एमडी सुरेश रेड्डी और सीएफओ नारायण राजू पर प्रतिबंध लगाया गया।
इन कारणों से सेबी ने जून 2024 में ब्राइटकॉम के शेयरों पर ट्रेडिंग सस्पेंड कर दी थी। हाल ही में, कंपनी ने सभी लंबित वित्तीय नतीजे और शेयरहोल्डिंग पैटर्न अपडेट किए, जिसके बाद सेबी ने ट्रेडिंग प्रतिबंध हटा लिया।
निवेशकों के लिए जोखिम और सलाह
मार्केट विशेषज्ञों और विश्लेषकों ने ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयर को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है। कुछ प्रमुख बिंदु:
- ऑपरेटर ड्रिवन स्टॉक: विशेषज्ञों का मानना है कि ब्राइटकॉम का शेयर ऑपरेटरों द्वारा संचालित होता है। इस तरह के शेयरों में अचानक तेजी और गिरावट देखी जाती है, जो पंप-एंड-डंप रणनीति का हिस्सा हो सकती है। रिटेल निवेशक अक्सर ऐसी तेजी से आकर्षित होकर निवेश करते हैं, लेकिन बाद में भारी नुकसान उठाते हैं।
- नई पोजिशन से बचें: विश्लेषकों ने सुझाव दिया है कि नए निवेशक इस शेयर में पोजिशन लेने से बचें। अगर आप पहले से निवेशक हैं, तो मौजूदा स्तरों पर बाहर निकलना बेहतर हो सकता है।
- कॉर्पोरेट गवर्नेंस की चिंताएं: कंपनी के अतीत में कॉर्पोरेट गवर्नेंस से जुड़े मुद्दे और सेबी की कार्रवाइयां इसे जोखिम भरा बनाती हैं।
- तकनीकी विश्लेषण: शेयर का रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) हाल ही में 71.2 था, जो ओवरबॉट स्थिति को दर्शाता है। यह संकेत देता है कि शेयर में और तेजी की गुंजाइश सीमित हो सकती है।
निवेशकों के लिए क्या करें?
- जोखिम का आकलन: ब्राइटकॉम ग्रुप का शेयर उच्च जोखिम वाला है। अगर आप इसमें निवेश करना चाहते हैं, तो केवल उतना ही निवेश करें, जितना नुकसान आप सहन कर सकते हैं।
- वित्तीय नतीजों पर नजर: मार्च 2025 के मजबूत नतीजों के बाद, निवेशकों को सितंबर 2025 की तिमाही नतीजों पर ध्यान देना चाहिए। अगर कंपनी लगातार अच्छा प्रदर्शन करती है, तो शेयर में स्थिरता आ सकती है।
- विशेषज्ञ की सलाह: किसी अनुभवी वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें और कंपनी के फंडामेंटल्स का गहन विश्लेषण करें।
- पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन: अपने निवेश को विभिन्न सेक्टर्स में बांटें ताकि एक स्टॉक के जोखिम का असर आपके पूरे पोर्टफोलियो पर न पड़े।
निष्कर्ष
ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयर में 102% की छलांग और फिर लोअर सर्किट ने निवेशकों का ध्यान खींचा है, लेकिन यह शेयर कई जोखिमों से घिरा हुआ है। सेबी की कार्रवाइयां, कॉर्पोरेट गवर्नेंस की समस्याएं और ऑपरेटर ड्रिवन होने की आशंका इसे रिटेल निवेशकों के लिए अनिश्चित बनाती है। हालांकि कंपनी की मजबूत ऑर्डर बुक और लगातार नेट प्रॉफिट सकारात्मक संकेत हैं, लेकिन निवेश से पहले सावधानी बरतना जरूरी है। विशेषज्ञों की सलाह है कि नए निवेश से बचें और मौजूदा निवेशक मौके का फायदा उठाकर बाहर निकलने पर विचार करें।
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