मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL), भारत की अग्रणी रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक उपक्रम कंपनी, ने वित्तीय वर्ष 2026 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) के लिए अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा की है। कंपनी ने इस तिमाही में 452 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले साल की समान तिमाही में 696 करोड़ रुपये की तुलना में 35% कम है। हालांकि, राजस्व में 11.4% की वृद्धि देखी गई, जो 2357 करोड़ रुपये से बढ़कर 2625 करोड़ रुपये हो गया। यह वृद्धि मुख्य रूप से युद्धपोतों और पनडुब्बियों की डिलीवरी में स्थिर गति के कारण हुई।
परिचालन प्रदर्शन और चुनौतियां
मझगांव डॉक ने इस तिमाही में परिचालन राजस्व में वृद्धि हासिल की, लेकिन लाभप्रदता पर दबाव रहा। कंपनी का EBITDA 53.11% घटकर 301 करोड़ रुपये रहा, और EBITDA मार्जिन 27.23% से घटकर 11.46% हो गया। इसकी मुख्य वजह 540 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग रही, जो पिछले साल केवल 3 लाख रुपये थी। इसके अलावा, कर्मचारी खर्च में 10% और खरीद लागत में लगभग दोगुनी वृद्धि ने परिचालन दक्षता को प्रभावित किया। फिर भी, कंपनी की सहयोगी गोवा शिपयार्ड ने 32.9 करोड़ रुपये का योगदान देकर लाभ में कमी को कुछ हद तक कम किया।
रणनीतिक विकास और निवेश
मझगांव डॉक ने हाल ही में कोलंबो डॉकयार्ड में 51% हिस्सेदारी हासिल करने के लिए 52.96 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 452 करोड़ रुपये) के निवेश को मंजूरी दी है, जिससे यह उसकी सहायक कंपनी बन जाएगी। यह कदम कंपनी की वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, कंपनी का ऑर्डर बुक 36,839 करोड़ रुपये का है, जिसमें P-15B डिस्ट्रॉयर, P-17A फ्रिगेट्स, और P-75 पनडुब्बी परियोजनाएं शामिल हैं। कंपनी ने भारतीय नौसेना के लिए एक प्रशिक्षण जहाज का निर्माण भी शुरू किया है, जिसकी कील लेइंग समारोह जनवरी 2025 में आयोजित हुआ।
भविष्य की संभावनाएं
कंपनी के प्रबंधन ने भविष्य में 8-10% की वार्षिक राजस्व वृद्धि और लगभग 15% के स्थायी लाभ मार्जिन की उम्मीद जताई है। अतिरिक्त तीन कलवारी-श्रेणी की पनडुब्बियों और P-75I परियोजना के तहत छह नई पीढ़ी की पनडुब्बियों के लिए अनुबंध जैसे मजबूत ऑर्डर पाइपलाइन से कंपनी की स्थिति मजबूत है। हालांकि, बढ़ती सब-कॉन्ट्रैक्टिंग लागत और बुनियादी ढांचे की सीमाएं लाभप्रदता के लिए जोखिम पैदा कर सकती हैं।
निवेशकों के लिए जानकारी
एक महीने में शेयर में 14% की गिरावट देखी गई, लेकिन 2025 में अब तक यह 20% से अधिक बढ़ा है। कंपनी का मार्केट कैप 1,12,987 करोड़ रुपये है, और यह 14.2 गुना बुक वैल्यू पर कारोबार कर रहा है। कंपनी ने हाल ही में 3 रुपये प्रति शेयर का दूसरा अंतरिम लाभांश घोषित किया, जिसकी रिकॉर्ड तारीख 16 अप्रैल 2025 थी।
निष्कर्ष
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने राजस्व वृद्धि के साथ भारत के रक्षा स्वदेशीकरण कार्यक्रम में अपनी रणनीतिक स्थिति बनाए रखी है। प्रोविजनिंग और लागत दबाव के बावजूद, मजबूत ऑर्डर बुक और वैश्विक विस्तार की योजनाएं इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती हैं।
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