Radhakishan Damani का NSE में बड़ा दांव: 9771 करोड़ का निवेश, डीमार्ट के बाद दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक

भारत के मशहूर निवेशक और डीमार्ट के मालिक Radhakishan Damani ने एक बार फिर अपनी निवेश रणनीति से सबका ध्यान खींचा है। उन्होंने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में बड़ा निवेश किया है, जिसके बाद यह उनके पोर्टफोलियो में एवेन्यू सुपरमार्ट्स (डीमार्ट) के बाद दूसरा सबसे मूल्यवान निवेश बन गया है। दमानी के पास अब NSE के 3.90 करोड़ शेयर हैं, जिनकी निजी बाजार में कीमत लगभग 9771 करोड़ रुपये आंकी गई है। आइए, इस निवेश की पूरी कहानी, दमानी की रणनीति, और इसके जोखिमों को विस्तार से समझते हैं।

NSE में दमानी की एंट्री: 2020 से शुरूआत

Radhakishan Damani ने NSE में अपनी निवेश यात्रा जनवरी-मार्च 2020 में शुरू की थी। इस दौरान उन्होंने नॉरवेस्ट वेंचर पार्टनर्स X से 1.58% हिस्सेदारी खरीदी थी। उस समय नॉरवेस्ट ने NSE के IPO की तैयारियों में बड़ा दांव लगाया था, लेकिन को-लोकेशन और डार्क फाइबर मामले में रेगुलेटरी जांच के कारण उसे अपनी हिस्सेदारी बेचनी पड़ी। दमानी ने इस मौके का फायदा उठाया और निजी सौदे के जरिए NSE में अपनी हिस्सेदारी हासिल की।

हाल ही में NSE ने बोनस इश्यू किया, जिसके बाद दमानी के पास मौजूद शेयरों की संख्या बढ़कर 3.90 करोड़ हो गई। निजी बाजार में इन शेयरों की कीमत ₹2500 प्रति शेयर मानी जा रही है, जिसके आधार पर उनकी कुल वैल्यू ₹9771 करोड़ है। यह निवेश अब दमानी के पोर्टफोलियो में डीमार्ट के बाद दूसरा सबसे बड़ा और मूल्यवान निवेश है।

Radhakishan Damani की निवेश रणनीति

राधाकिशन दमानी को भारत के सबसे चतुर और अनुशासित निवेशकों में गिना जाता है। उनकी निवेश रणनीति वैल्यू इनवेस्टिंग पर आधारित है, जिसमें वह कम मूल्य वाले स्टॉक्स को चुनते हैं, जिनमें लंबे समय तक ग्रोथ की संभावना हो। दमानी की रणनीति की प्रमुख विशेषताएं हैं:

  • लॉन्ग-टर्म निवेश: दमानी कम कीमत पर मजबूत फंडामेंटल्स वाली कंपनियों में निवेश करते हैं और लंबे समय तक होल्ड करते हैं।
  • विविधता: उनका पोर्टफोलियो रिटेल, सिगरेट, सीमेंट, फाइनेंस, और हेल्थकेयर जैसे विभिन्न सेक्टर्स में फैला हुआ है।
  • जोखिम प्रबंधन: वह जोखिम भरे निवेशों से बचते हैं और केवल उन कंपनियों में निवेश करते हैं, जिनके बिजनेस मॉडल को वह अच्छे से समझते हैं।
  • फंडामेंटल एनालिसिस: दमानी कंपनी की वित्तीय सेहत, कमाई, और ग्रोथ की संभावनाओं का गहराई से विश्लेषण करते हैं।

दमानी की इस रणनीति ने उन्हें 163,611.5 करोड़ रुपये की नेट वर्थ के साथ भारत के शीर्ष निवेशकों में शामिल किया है।

दमानी का पोर्टफोलियो: प्रमुख होल्डिंग्स

राधाकिशन दमानी का पोर्टफोलियो विविध और मजबूत है। उनकी सबसे बड़ी होल्डिंग एवेन्यू सुपरमार्ट्स (डीमार्ट) है, जिसमें उनकी 67.2% हिस्सेदारी है, जिसकी कीमत 1,58,077.2 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, उनकी निवेश कंपनी ब्राइट स्टार इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिए कई अन्य कंपनियों में निवेश है। कुछ प्रमुख होल्डिंग्स इस प्रकार हैं:

  • VST इंडस्ट्रीज: 3.15% हिस्सेदारी, सिगरेट निर्माण में एक स्थापित कंपनी।
  • इंडिया सीमेंट्स: 20.4% हिस्सेदारी, सीमेंट उद्योग में एक बड़ा नाम।
  • सुंदरम फाइनेंस: फाइनेंस सेक्टर में निवेश।
  • 3M इंडिया: जून 2024 तक 1.48% हिस्सेदारी, जो सितंबर 2024 में शेयरहोल्डिंग लिस्ट से हट गई।
  • ट्रेंट लिमिटेड: 1.5% हिस्सेदारी, जो पिछले एक साल में 141.23% रिटर्न दे चुकी है।

इनके अलावा, दमानी ने फोर्टिस हेल्थकेयर और अपटेक जैसी कंपनियों में भी निवेश किया है।

NSE में निवेश: अवसर और जोखिम

NSE में दमानी का निवेश इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। NSE के IPO की संभावना ने निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ा दी है। वर्तमान में NSE के 1 लाख से ज्यादा शेयरहोल्डर हैं, और निजी बाजार में 50 शेयरों के लॉट साइज में ट्रेडिंग हो रही है। हाल ही में NSE ने कस्टोडियन और डिपॉजिटरी को शेयर ट्रांसफर की अनुमति दी है, जिससे निजी बाजार में इसकी सक्रियता बढ़ी है।

हालांकि, NSE के शेयर निजी बाजार में ट्रेड होते हैं, जो सेबी या स्टॉक एक्सचेंज के रेगुलेशन के दायरे में नहीं आते। इसलिए, इसमें निवेश करने से पहले कुछ जोखिमों को समझना जरूरी है:

  • प्रीमियम वैल्यूएशन: निजी बाजार में NSE के शेयरों की कीमत उनकी वास्तविक वैल्यू से ज्यादा हो सकती है।
  • लिक्विडिटी जोखिम: निजी बाजार में ट्रेडिंग में लिक्विडिटी सीमित हो सकती है।
  • रेगुलेटरी अनिश्चितता: NSE का IPO अभी तक लॉन्च नहीं हुआ है, और इसमें देरी या रेगुलेटरी बाधाएं आ सकती हैं।

निवेशकों को NSE में निवेश से पहले पूरी जानकारी लेनी चाहिए और वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना चाहिए।

दमानी की सफलता का राज

Radhakishan Damani की सफलता का आधार उनकी अनुशासित और धैर्यपूर्ण निवेश रणनीति है। 1954 में राजस्थान के बीकानेर में जन्मे दमानी ने मुंबई विश्वविद्यालय से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया। अपने पिता के निधन के बाद उन्होंने स्टॉकब्रोking बिजनेस में कदम रखा और 1990 के दशक में हर्षद मेहता घोटाले के दौरान शॉर्ट सेलिंग से बड़ा मुनाफा कमाया। 2002 में उन्होंने डीमार्ट की स्थापना की, जो आज भारत की सबसे बड़ी रिटेल चेन में से एक है।

दमानी की निवेश शैली में कम जोखिम, लंबी अवधि, और मजबूत फंडामेंटल्स पर जोर है। उनकी सादगी और कम प्रोफाइल वाली जीवनशैली उन्हें निवेशकों के बीच और भी सम्मानित बनाती है।

निवेशकों के लिए सुझाव

Radhakishan Damani का पोर्टफोलियो उन निवेशकों के लिए प्रेरणा हो सकता है, जो लंबी अवधि में संपत्ति बनाना चाहते हैं। हालांकि, उनके निवेशों को कॉपी करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें:

  1. रिसर्च: किसी भी कंपनी में निवेश से पहले उसके फंडामेंटल्स, जैसे रेवेन्यू, प्रॉफिट, और डेट, का विश्लेषण करें।
  2. धैर्य: दमानी की तरह लंबी अवधि के लिए निवेश करें और बाजार की अस्थिरता से घबराएं नहीं।
  3. विविधता: अपने पोर्टफोलियो में विभिन्न सेक्टर्स की कंपनियों को शामिल करें ताकि जोखिम कम हो।
  4. जोखिम प्रबंधन: NSE जैसे निजी बाजार के निवेश में सावधानी बरतें और विशेषज्ञ की सलाह लें।

निष्कर्ष

Radhakishan Damani का NSE में 9771 करोड़ रुपये का निवेश उनकी दूरदर्शी सोच और वैल्यू इनवेस्टिंग की रणनीति को दर्शाता है। NSE उनके पोर्टफोलियो में डीमार्ट के बाद दूसरा सबसे बड़ा निवेश बन गया है, और इसके IPO की संभावना इसे और आकर्षक बनाती है। हालांकि, निजी बाजार में निवेश के जोखिमों को देखते हुए निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। दमानी की सफलता से सीख लेते हुए, निवेशक मजबूत फंडामेंटल्स और लंबी अवधि की रणनीति पर ध्यान दे सकते हैं।

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