उषा फाइनेंशियल सर्विसेज: 1:1 बोनस शेयर का तोहफा, प्रमोटरों ने बढ़ाई हिस्सेदारी, क्या है निवेश का मौका?

उषा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (Usha Financial Services Ltd.) ने हाल ही में अपने शेयरधारकों के लिए 1:1 रेशियो में बोनस शेयर देने की घोषणा की है, जिसने निवेशकों का ध्यान खींचा है। इसके साथ ही कंपनी के प्रमोटरों ने 4,80,800 शेयर खरीदकर अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है, जो निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है। यह गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) न केवल बोनस शेयर के जरिए निवेशकों को लुभा रही है, बल्कि अपने आकर्षक वैल्यूएशन और ग्रीन फाइनेंसिंग जैसे क्षेत्रों में प्रगति के कारण भी चर्चा में है। आइए, इस घोषणा, कंपनी की स्थिति, और निवेश के अवसरों पर विस्तार से नजर डालते हैं।

बोनस शेयर: निवेशकों के लिए तोहफा

उषा फाइनेंशियल ने अपने शेयरधारकों को 1:1 रेशियो में बोनस शेयर देने का ऐलान किया है। इसका मतलब है कि प्रत्येक मौजूदा ₹10 के शेयर के बदले शेयरधारकों को एक अतिरिक्त ₹10 का शेयर मुफ्त मिलेगा। यह बोनस शेयर सिक्योरिटीज प्रीमियम अकाउंट से दिया जाएगा। बोनस शेयर की घोषणा के बाद कंपनी की चुकता शेयर पूंजी ₹21.73 करोड़ (2,17,37,631 शेयर) से बढ़कर ₹43.47 करोड़ (4,34,75,262 शेयर) हो जाएगी। कंपनी का लक्ष्य है कि 6 सितंबर 2025 तक इन बोनस शेयरों को शेयरधारकों के खातों में जमा या डिस्पैच कर दिया जाए।

इसके अलावा, कंपनी ने अपनी अधिकृत शेयर पूंजी को ₹26 करोड़ से बढ़ाकर ₹44 करोड़ करने की मंजूरी दी है, जो 4.4 करोड़ इक्विटी शेयरों में विभाजित होगी। यह कदम कंपनी की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और भविष्य के विस्तार की योजनाओं को दर्शाता है। बोनस शेयर की खबर से निवेशकों में उत्साह देखा गया, हालांकि मंगलवार को शेयर में 3.64% की गिरावट दर्ज की गई, और यह ₹80.95 के पिछले बंद से फिसलकर ₹78 पर बंद हुआ। दिन के दौरान शेयर ₹84.55 के उच्चतम और ₹77.55 के निम्नतम स्तर पर रहा।

प्रमोटरों का भरोसा: हिस्सेदारी में वृद्धि

प्रमोटरों ने हाल ही में 4,80,800 शेयर खरीदे, जिसके बाद उनकी हिस्सेदारी मार्च 2025 में 72.32% से बढ़कर 74.54% हो गई। यह कंपनी के भविष्य में प्रमोटरों के विश्वास को दर्शाता है। प्रमोटरों की बढ़ती हिस्सेदारी निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि यह दर्शाता है कि कंपनी के मालिक इसके दीर्घकालिक विकास में विश्वास रखते हैं।

उषा फाइनेंशियल सर्विसेज: क्या करती है कंपनी?

1995 में स्थापित उषा फाइनेंशियल सर्विसेज एक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से रजिस्टर्ड NBFC-ICC (निवेश और क्रेडिट) कंपनी है, जो गैर-प्रणालीगत, गैर-जमा स्वीकार करने वाली NBFC है। कंपनी अन्य NBFC, कॉरपोरेट्स, MSME, और व्यक्तियों, खासकर महिला उद्यमियों को कर्ज प्रदान करती है। इसके अलावा, यह इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और बैटरी फाइनेंसिंग जैसे ग्रीन फाइनेंसिंग क्षेत्र में भी सक्रिय है।

कंपनी के पास 28,000 से ज्यादा सक्रिय उधारकर्ता हैं और यह 4 बैंकों और 15 NBFC के साथ साझेदारी के जरिए अपनी पहुंच बढ़ा रही है। कंपनी के दो प्रमुख व्यवसाय मॉडल हैं: रिटेल लेंडिंग और होलसेल लेंडिंग। रिटेल लेंडिंग में यह MSME, दुकानदारों, और व्यक्तियों को लोन देती है, जबकि होलसेल लेंडिंग में अन्य NBFC और कॉरपोरेट्स को कार्यशील पूंजी के लिए कर्ज देती है।

वित्तीय प्रदर्शन और वैल्यूएशन

उषा फाइनेंशियल ने वित्तीय वर्ष 2024 में मजबूत प्रदर्शन दिखाया। कंपनी की आय ₹63.96 करोड़ रही, जो पिछले साल की ₹46.18 करोड़ की तुलना में 38% ज्यादा है। शुद्ध लाभ भी 32% बढ़कर ₹13.44 करोड़ हो गया। कंपनी का AUM (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट) ₹306.96 करोड़ और नेटवर्थ ₹106.02 करोड़ है, जो इसकी वित्तीय स्थिरता को दर्शाता है। इसका CRAR (कैपिटल रिस्क एसेट्स रेशियो) 33.03% और डेट-टू-इक्विटी रेशियो 1.71 है, जो NBFC के लिए स्वस्थ संकेतक हैं।

कंपनी का P/E अनुपात 12.3x है, जो इंडस्ट्री के औसत 25.2x से काफी कम है। यह दर्शाता है कि शेयर अभी भी आकर्षक वैल्यूएशन पर उपलब्ध है। हालांकि, पिछले एक साल में शेयर में 48.06% की गिरावट देखी गई, लेकिन इसका 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर ₹168 और निम्नतम ₹48.65 रहा।

निवेशकों के लिए अवसर और जोखिम

अवसर:

  • बोनस शेयर: 1:1 बोनस शेयर से निवेशकों की हिस्सेदारी दोगुनी होगी, जो लंबी अवधि में फायदेमंद हो सकता है।
  • कम P/E अनुपात: इंडस्ट्री की तुलना में कम P/E अनुपात इसे आकर्षक निवेश बनाता है।
  • ग्रीन फाइनेंसिंग: इलेक्ट्रिक वाहन और सस्टेनेबल प्रोजेक्ट्स में कंपनी की प्रगति भविष्य के लिए सकारात्मक है।
  • प्रमोटरों का विश्वास: हिस्सेदारी में वृद्धि से कंपनी की मजबूत संभावनाएं दिखती हैं।

जोखिम:

  • मार्केट अस्थिरता: स्मॉल कैप स्टॉक्स में उतार-चढ़ाव ज्यादा होता है, जैसा कि हाल की 3.64% गिरावट में देखा गया।
  • क्रेडिट जोखिम: NBFC सेक्टर में क्रेडिट क्वालिटी और रेगुलेटरी बदलाव जोखिम पैदा कर सकते हैं।
  • ग्राहक निर्भरता: कंपनी की आय का 40% टॉप 10 ग्राहकों से आता है, जो जोखिम बढ़ाता है।

निष्कर्ष

उषा फाइनेंशियल सर्विसेज का 1:1 बोनस शेयर और प्रमोटरों की बढ़ती हिस्सेदारी निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर हो सकता है। कंपनी का ग्रीन फाइनेंसिंग और MSME लेंडिंग में फोकस, साथ ही कम P/E अनुपात, इसे स्मॉल कैप निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाता है। हालांकि, NBFC सेक्टर की अस्थिरता और क्रेडिट जोखिम को ध्यान में रखना जरूरी है। निवेश से पहले पूरी रिसर्च और वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। क्या आप इस स्टॉक में निवेश की सोच रहे हैं? अपनी राय कमेंट में साझा करें!

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