Waaree Energies vs Suzlon Energy: कौन है रिन्यूएबल एनर्जी का किंग?

भारत में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर पिछले कुछ सालों में तेजी से उभरा है, और सरकार की ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने वाली नीतियों ने इसकी रफ्तार को और तेज कर दिया है। इस सेक्टर में दो कंपनियां खास तौर पर चर्चा में रही हैं—सुजलॉन एनर्जी और वारी एनर्जीज। जहां सुजलॉन भारत का सबसे बड़ा विंड टर्बाइन निर्माता है, वहीं वारी एनर्जीज देश का सबसे बड़ा सोलर मॉड्यूल निर्माता है। लेकिन सवाल यह है कि इन दोनों में से कौन सी कंपनी ज्यादा दमदार है? किसकी ऑर्डर बुक में ज्यादा ताकत है, और कमाई में कौन है नंबर वन? आइए, इनके बिजनेस मॉडल, क्षमता, ऑर्डर बुक, फाइनेंशियल परफॉर्मेंस और शेयर रिटर्न के आधार पर तुलना करते हैं।

दोनों कंपनियां क्या करती हैं?

सुजलॉन एनर्जी

सुजलॉन एनर्जी विंड एनर्जी सेक्टर की अग्रणी कंपनी है, जो विंड टर्बाइन के डिजाइन, निर्माण, इंस्टॉलेशन और मेंटेनेंस का काम करती है। कंपनी का फोकस मुख्य रूप से घरेलू बाजार पर है, और यह भारत में 111 से ज्यादा विंड फार्म्स के साथ 15,100 मेगावाट से अधिक की स्थापित क्षमता रखती है। वैश्विक स्तर पर इसने 20 गीगावाट से ज्यादा विंड एनर्जी क्षमता स्थापित की है।

वारी एनर्जीज

वारी एनर्जीज सोलर एनर्जी सेक्टर की लीडर है, जो सोलर पीवी मॉड्यूल, सोलर सेल, ग्रिड इन्वर्टर और अन्य सोलर प्रोडक्ट्स बनाती है। इसके अलावा, कंपनी सोलर फार्म्स के निर्माण, संचालन और रखरखाव में भी सक्रिय है। वारी का बिजनेस मॉडल भारत के साथ-साथ अमेरिका जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर भी केंद्रित है, और यह एक सोलर इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर (IPP) बनने की दिशा में काम कर रही है।

क्षमता में कौन है आगे?

वारी एनर्जीज

वारी एनर्जीज की सोलर पीवी मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता 13.3 गीगावाट है, जो गुजरात और नोएडा में इसके मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पर आधारित है। कंपनी 5.4 गीगावाट की सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता भी विकसित कर रही है, और FY27 तक इसे 20.9 गीगावाट तक ले जाने का लक्ष्य रखती है।

सुजलॉन एनर्जी

सुजलॉन ने भारत में 13.9 गीगावाट और वैश्विक स्तर पर 20 गीगावाट से ज्यादा विंड एनर्जी क्षमता स्थापित की है। कंपनी का S144 प्लेटफॉर्म भारतीय बाजार में खासा लोकप्रिय है, और यह लगातार अपनी प्रोडक्शन क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है।

विजेता: क्षमता के मामले में सुजलॉन थोड़ा आगे दिखाई देता है, क्योंकि इसकी वैश्विक और घरेलू स्थापित क्षमता वारी से ज्यादा है। हालांकि, वारी की तेजी से बढ़ती सोलर मैन्युफैक्चरिंग क्षमता इसे भविष्य में कड़ी टक्कर दे सकती है।

ऑर्डर बुक: किसके पास ज्यादा पावर?

वारी एनर्जीज

वारी एनर्जीज की ऑर्डर बुक Q3 FY25 तक 26.5 गीगावाट (लगभग ₹50,000 करोड़) की थी, जिसमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर शामिल हैं। कंपनी को हाल ही में 586 मेगावाट और 599 मेगावाट के सोलर मॉड्यूल सप्लाई के बड़े ऑर्डर मिले हैं, जो इसकी मजबूत मार्केट पोजीशन को दर्शाते हैं।

सुजलॉन एनर्जी

सुजलॉन की ऑर्डर बुक Q4 FY25 में 5.6 गहशावाटट की रिकॉर्ड ऊंचाई पर थी, जिसमें S144 प्लेटफॉर्म के 5 गीगावाट से ज्यादा के ऑर्डर शामिल हैं। कंपनी को NTPC जैसे बड़े क्लाइंट्स से ऑर्डर मिल रहे हैं, जो इसकी विश्वसनीयता को और मजबूत करते हैं।

विजेता: ऑर्डर बुक के मामले में वारी एनर्जीज का पलड़ा भारी है। इसकी 26.5 गीगावाट की ऑर्डर बुक सुजलॉन की 5.6 गीगावाट से कहीं ज्यादा है, जो इसे भविष्य में रेवेन्यू ग्रोथ के लिए बेहतर स्थिति में रखता है।

कमाई: कौन है नंबर 1?

वारी एनर्जीज

वारी ने Q4 FY25 में शानदार फाइनेंशियल परफॉर्मेंस दिखाई। इसका शुद्ध मुनाफा 34.1% बढ़कर ₹618.91 करोड़ और ऑपरेशनल रेवेन्यू 36.4% बढ़कर ₹4,003.93 करोड़ रहा। EBITDA में 116.27% की जबरदस्त उछाल आई, जो ₹1,059.57 करोड़ तक पहुंच गया। FY25 में कंपनी का कुल रेवेन्यू ₹14,846 करोड़ था।

सुजलॉन एनर्जी

सुजलॉन ने भी Q4 FY25 में बंपर कमाई की। इसका शुद्ध मुनाफा 365% की सालाना वृद्धि के साथ ₹1,181 करोड़ और ऑपरेशनल रेवेन्यू 73% बढ़कर ₹3,774 करोड़ रहा। FY25 में कंपनी का कुल रेवेन्यू ₹10,890 करोड़ और मुनाफा ₹2,072 करोड़ था।

विजेता: रेवेन्यू के मामले में वारी (₹14,846 करोड़) सुजलॉन (₹10,890 करोड़) से आगे है। हालांकि, Q4 में सुजलॉन का मुनाफा (₹1,181 करोड़) वारी (₹618.91 करोड़) से ज्यादा था। कुल मिलाकर, रेवेन्यू में वारी और मुनाफे में सुजलॉन का दबदबा है।

शेयर परफॉर्मेंस: किसने दिया बेहतर रिटर्न?

वारी एनर्जीज

वारी के शेयरों ने 28 अक्टूबर 2024 को ₹2,500 पर लिस्टिंग की और 2024 के अंत तक ₹2,854.60 पर बंद हुए, जो IPO प्राइस से 89% की बढ़त दर्शाता है। हालांकि, 23 जून 2025 को इसके शेयर 1.39% गिरकर ₹2,947.50 पर आए। पिछले एक साल में इसने 26.65% रिटर्न दिया।

सुजलॉन एनर्जी

सुजलॉन के शेयरों ने 2024 में 61.6% का रिटर्न दिया, जो ₹38.5 से बढ़कर ₹62.22 पर पहुंचा। 23 जून 2025 को शेयर 0.57% गिरकर ₹62.87 पर थे। पिछले एक साल में इसने 14.95% रिटर्न दिया।

विजेता: शेयर रिटर्न में वारी (26.65%) ने सुजलॉन (14.95%) को पीछे छोड़ दिया।

फाइनेंशियल हेल्थ और वैल्यूएशन

  • वारी एनर्जीज: मार्केट कैप ₹77,531.99 करोड़ (23 जून 2025), P/E रेशियो 41.52, P/B रेशियो 18.69। कंपनी का प्रमोटर होल्डिंग 64.3% है, जो मजबूत विश्वास दर्शाता है।
  • सुजलॉन एनर्जी: मार्केट कैप ₹87,745.57 करोड़ (20 जून 2025), P/E रेशियो 42.36, P/B रेशियो 22.38। प्रमोटर होल्डिंग 13.2% है, जो वारी की तुलना में कम है।

विजेता: फाइनेंशियल हेल्थ में वारी की मजबूत प्रमोटर होल्डिंग और कम P/B रेशियो इसे थोड़ा बेहतर बनाते हैं।

निष्कर्ष: कौन है एनर्जी किंग?

  • ऑर्डर बुक और रेवेन्यू: वारी एनर्जीज की 26.5 गीगावाट की ऑर्डर बुक और ₹14,846 करोड़ का रेवेन्यू इसे भविष्य में ग्रोथ के लिए मजबूत स्थिति में रखता है।
  • मुनाफा और क्षमता: सुजलॉन ने Q4 FY25 में ज्यादा मुनाफा कमाया और इसकी स्थापित विंड एनर्जी क्षमता वारी से ज्यादा है।
  • शेयर रिटर्न: वारी ने पिछले एक साल में बेहतर रिटर्न (26.65%) दिया।
  • फाइनेंशियल हेल्थ: वारी की मजबूत प्रमोटर होल्डिंग और बेहतर वैल्यूएशन इसे निवेश के लिए आकर्षक बनाते हैं।

अंतिम फैसला: अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और सोलर सेक्टर की ग्रोथ पर दांव लगाना चाहते हैं, तो वारी एनर्जीज बेहतर विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसकी ऑर्डर बुक और रेवेन्यू ग्रोथ शानदार है। वहीं, अगर आप विंड एनर्जी सेक्टर और मजबूत मुनाफे वाली कंपनी में निवेश चाहते हैं, तो सुजलॉन एनर्जी एक अच्छा दांव हो सकता है।

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