जापानी बैंक SMBC और Yes Bank की डील को लेकर बवाल क्यों मचा है?

Yes Bank फिर से चर्चा में है। वजह है जापान का बड़ा बैंक — Sumitomo Mitsui Banking Corporation (SMBC) — जो अब भारत में अपनी एक बड़ी चाल चलने वाला है। इस बैंक ने पहले ही Yes Bank में 20% हिस्सा खरीद लिया है, और अब उसकी नजर 14% और हिस्सेदारी पर है। यानी कुल मिलाकर वो 34% का मालिक बन जाएगा।

अब ज़रा सोचिए, जब कोई विदेशी बैंक भारत के एक बड़े प्राइवेट बैंक में इतना निवेश करे, तो सवाल उठना तो लाज़मी है।


कांग्रेस क्यों नाराज़ है?

महाराष्ट्र कांग्रेस को ये पूरा मामला ठीक नहीं लग रहा। उनका कहना है कि ये सब कुछ चुपचाप क्यों हो रहा है? उन्होंने मांग की है कि इस पूरे सौदे की न्यायिक जांच होनी चाहिए।

उनकी चिंता ये है कि कहीं Yes Bank पूरी तरह विदेशी हाथों में न चला जाए। लोगों का पैसा इस बैंक में जमा है, और जब मामला आम जनता की बचत का हो, तो हर कदम पारदर्शी होना चाहिए — ऐसा विपक्ष का कहना है।


SMBC क्या करना चाहता है?

अब तक SMBC भारत में सिर्फ कुछ शाखाओं के जरिए काम करता था, लेकिन अब वो यहां अपनी पूरी तरह से स्वामित्व वाली कंपनी खोलने की तैयारी में है। इसके लिए वो RBI से लाइसेंस मांगने वाला है। जैसे ही उसे मंज़ूरी मिलती है, वो धीरे-धीरे बाकी हिस्सेदारी भी खरीद सकता है।

SBI ने Yes Bank को 2020 में संकट से बचाया था और अब वो धीरे-धीरे अपनी हिस्सेदारी बेचकर बाहर निकल रहा है। 9 मई को हुई डील में SBI ने SMBC को 13.2% हिस्सेदारी बेच दी है। और बाकी करीब 10.8% भी बाद में बेचने की तैयारी है। साथ में HDFC, ICICI, IDFC First, Bandhan, Federal और IDBI बैंक भी SMBC को मिलकर 6.8% हिस्सा बेचने वाले हैं।

इस तरह SMBC के पास 34% हो जाएगा।


क्या Yes Bank वाकई विदेशी हो जाएगा?

यह सबसे बड़ा सवाल है। अगर कोई विदेशी कंपनी किसी भारतीय बैंक में इतनी हिस्सेदारी खरीद ले, तो क्या वो उसका मालिक बन जाता है?

जवाब है — नहीं।

RBI का एक सीधा सा नियम है — कोई भी विदेशी निवेशक 26% से ज्यादा वोटिंग पावर नहीं ले सकता। यानी भले ही SMBC 51% हिस्सेदारी भी खरीद ले, तब भी वो बैंक को चला नहीं सकता।

तो भले ही SMBC का पैसा लगेगा, फैसले फिर भी भारतीय बोर्ड और सिस्टम के ज़रिए ही लिए जाएंगे।


लोग क्या सोच रहे हैं?

कुछ लोगों का मानना है कि SMBC जैसा बड़ा बैंक अगर Yes Bank में निवेश करता है, तो इससे बैंक को मजबूती मिलेगी। जापानी बैंकिंग सिस्टम अपनी सख्ती और प्रोफेशनलिज्म के लिए जाना जाता है। तो इससे बैंक का कामकाज और बेहतर हो सकता है।

लेकिन वहीं दूसरी तरफ ये डर भी है कि धीरे-धीरे कोई विदेशी संस्था भारतीय बैंकिंग सिस्टम में ज़्यादा ताकत न हासिल कर ले।

निष्कर्ष क्या है?

कहानी का सार ये है — SMBC भारत में अपने पैर पसारना चाहता है, और Yes Bank उसके लिए एक सुनहरा मौका है। डील बड़ी है, सवाल उठ रहे हैं, लेकिन नियमों की दीवार अब भी मजबूत है।

बैंक का मालिक कौन होगा? इसका फैसला सिर्फ पैसों से नहीं, बल्कि RBI के नियमों से होगा।

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