जम्मू के बाद राजस्थान में मिला लिथियम का भंडार इस सेक्टर में होगी बंपर कमाई

भारत में करीब 4 महीने पहले यह खबर आई थी कि जम्मू कश्मीर में भारत को सबसे बड़ा लिथियम का भंडार मिला था लेकिन सर्वेक्षण में यह बताया जा रहा है कि राजस्थान के डेगाना (नागौर) में एक लिथियम का भंडार मिला है जो भारत की कुल मांग की 80% प्रतिशत को पूरा कर सकता है इतना बड़ा यह भंडार है।
जम्मू-कश्मीर के बाद राजस्थान में जो लिथियम का भंडार है कितना बड़ा भंडार है इसका उपयोग कहां पर किया जाता है और भारतीय शेयर बाजार में इसकी खोज के कंपनियों क्या परिणाम होंगे किस सेक्टर में ग्रोथ होगी इसकी डिटेल से विस्तार से जानकारी इस लेख के माध्यम से लेने वाले हैं।

राजस्थान में लिथियम के भंडार

भारत सहित दुनियाभर में लिथियम का उपयोग ज्यादातर 75% बैटरी में ही किया जाता है उसमें सभी ev गाड़ी में लगने वाले बैटरी या मोबाइल या लैपटॉप की बैटरी में अधिक किया जाता है लेकिन इसके अलावा और भी अगर हम बात करें तो इसका उपयोग ग्लास, सिरेमिक, कर्मा पॉली में मेडिसिन भी उपयोग किया जाता हैं।

भारत में मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सर्वेक्षण से यह पता चला है कि राजस्थान में मिले डेगाना (नागौर) क्षेत्र में लिथियम का भंडार है जो इतना बड़ा है भारत में सभी क्षेत्र में लगने वाले lithium  का 80% यहां से ही मिल जायेगा, आप जहां पर जिस क्षेत्र में lithium  का भंडार मिला है वह क्षेत्र में पहले 1914 में ब्रिटिश काल में अंग्रेजों ने यहां पर टंगस्टन की खोज की थी जो पहले युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना सामग्री में टंगस्टन का इस्तेमाल किया जाता था।
आज के घड़ी में भारत में लिथियम के भंडार की बात करें तो जम्मू कश्मीर में मिले भंडार के कारण भारत 59 लाख टन खोज कर चुका था जिसे कारण भारत विश्व का तीसरा देश बन चुका है जिसके अनुसार बोलीविया दुनिया का सबसे अधिक lithium का भंडार की खोज कर चुका है,जो 210 लाख टन का है उसके बाद चिली में 92 लाख और तीसरे नंबर पर भारत के 59 लाख टन का खोज कर चुका है लेकिन अब अब बताया जा रहा है कि राजस्थान में मिला lithium भंडार जम्मू कश्मीर से भी बड़ा है तो इससे कारण अब भारत विश्व का एक नंबर का भंडार खोज करने वाला देश बन सकता है।

लिथियम कहाँ पाया जाता है

lithium की खोज करने वाले जो जानकार होते हैं वह बताते हैं कि lithium  ने एक हल्का धातु है जो सख्त चट्टानों से निकाला जाता है साथ में यह नमकीन जलाशयों में भी पाया जा सकता है तो इसे खनन करके ही बाहर निकाला जाता है और उसके बाद लिथियम रिफाइनरी करके ही इसको उपयोग में लाया जाता है।

लिथियम के उपयोग

लीथियम एक ऐसा  धातु है जो छोटे से छोटे से बैटरी में भी इसका उपयोग किया जा सकता है मतलब दुनियाभर में जितने भी बैटरी या है उन्हें सब ने लिखे हैं उनका उपयोग हम आराम से कर सकते हैं जैसे स्मार्ट वॉच ,मोबाइल जैसे छोटे-छोटे डिवाइस में उपयोग किया जा सकता है।

भारत की पहली लिथियम रिफाइनरी

भारत का पहला नियम रिफाइनरी करने का काम गुजरात राज्य में किया जाएगा बताया जा रहा है कि मणिकरण पावर लिमिटेड इस कंपनी ने इसे निर्माण के लिए 1000 करोड़ का निवेश किया है बताया जा रहा है कि लिथियम का एक दुर्लभ ऐसा खनिज है जो आप भारत में पाया गया है जिसके कारण अब इसमें रिफाइनरी का काम अहम बनता है जिससे कारण इसकी शुरुआत गुजरात में हो चुकी है,साथ में भारत की सबसे बड़ा उद्योग समूह अदानी समूह भी lithium का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बनाने की योजना बना रहा है।

lithium battery बनाने वाली कंपनी

भारत में lithium battery का मैन्युफैक्चर करने का काम बहुत सारी कंपनियां कर रहे हैं उसमें अगर हम आप कंपनी के बात करें तो उसमें अमरा राजा बैटरीज, लूम सोलर, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड, एक्साइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, ग्रीन फुल एनर्जी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, एचबीएल पावर सिस्टम्स लिमिटेड, पैनासोनिक,टाटा केमिकल्स और टाटा पावर यह भी बैटरी मैन्युफैक्चरर करने का काम कर रहे हैं और भविष्य में इसके जो कंपनियां हैं इनके शेयर में भी आपको अच्छी खासी बढ़ोतरी नजर आएगी।

लिथियम आयन बैटरी के फायदे

  • लीथियम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह धातु बहुत ही हल्का है और जब भी इसमें बैटरी में उपयोग करने के बाद जब बैटरी चार्ज की जाती है तो वह जो बैटरी की जो शक्ति है वह लंबे समय के लिए आप उस चार्ज का उपयोग किया जा सकता है जो अब तक मिले धातु के अनुसार लिथियम में लंबी अवधि तक संग्रहित करने की क्षमता अधिक है।
  • lithium battery आने से पहले जितने भी जो बैटरी है थी उनमें अधिक रखरखाव सुरक्षा और साफ सफाई का ध्यान रखना की आवश्यकता थी लेकिन lithium battery में इतने ज्यादा रखरखाव की जरूरत नहीं होती।
  • lithium  एक ऐसा  धातु है जो छोटे से छोटे से बैटरी में भी इसका उपयोग किया जा सकता है मतलब दुनियाभर में जितने भी बैटरी या है उन्हें सब ने लिखे हैं उनका उपयोग हम आराम से कर सकते हैं जैसे स्मार्ट वॉच ,मोबाइल जैसे छोटे-छोटे डिवाइस में उपयोग किया जा सकता है।

लिथियम आयन बैटरी के नुकसान

  • लीथियम भंडार कि जब माइनिंग की जाती है तब उसका प्रभाव पर्यावरण पर अधिक होता है क्योंकि उसमें निर्माण क्षेत्र में अधिक से ग्रीनहाउस गैसेस पैदा होती है जिससे कारण ओजोन स्तर पर इसका असर पड़ता है।
  • lithium battery की लॉन्ग लाइफ की गारंटी उसके समय पर ना होकर चार्ज और डिस्चार्ज पर आधारित है।
  • lithium battery का इस्तेमाल करने वाला क्षेत्र अगर उच्च तापमान पर हो तो यहां पर बैटरी या अक्सर अधिक संवेदनशील होने के कारण यहां पर अच्छी तरह से काम या जल्दी खराब होने का कारण हो सकता है।

FAQ

सवाल-भारत में 48v लिथियम आयन बैटरी कीमत

जवाब-भारत में 48v lithium battery बैटरी कीमत 63 हजार के आस पास है।

सवाल-भारत में 12v  lithium आयन बैटरी कीमत

जवाब-भारत में 12v lithium  आयन बैटरी कीमत 25 हजार है।

सवाल-लिथियम की खोज किसने थी

जवाब- lithium की खोज साल 1817 में  जोहान अगस्त अरफवेडसन की थी

सवाल-लिथियम बैटरी 60 वोल्ट की कीमत

जवाब- lithium battery 60 वोल्ट की कीमत 38 हजार के उपर है।

निष्कर्ष-भारत सहित दुनिया भर में पेट्रोल डीजल के अधिक मांग के कारण सभी देश आप सौर ऊर्जा पर निर्भर रहने की कोशिश कर रहे हैं ऐसे में lithium battery इस्तेमाल अहम  माना जाएगा और आने वाले दिनों में सौर ऊर्जा पर इस्तेमाल लिथियम बैटरी के कारण और अधिक बढ़ने वाला है इसके कारण ev क्षेत्र में जितने भी कंपनी आते हैं उसने भविष्य में इनके ग्रोथ के आसार आपको अच्छे खासे नजर आएंगे।

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