शेयर बाजार की मेटल और नॉन फेरस सेक्टर की Hindustan Zinc share कंपनी अब डी -मर्ज के राह पर चल रही है, इससे पहले वेदांता ने भी अपनी डी -मर्ज को लेकर अनाउंसमेंट कर दी है, जिसके तहत आप हिंदुस्तान जिंक शेयर भी तीन हिस्सों में बटने जा रही है तो इससे निवेशकों को लॉटरी लगने के बराबर है, तो शुरू में हम इस कंपनी का कामकाज शेयर बाजार में इसकी वर्तमान की स्थिति रिटर्न की जानकारी और साथ में डी -मर्ज को लेकर पूरी जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से लेने वाले हैं।
Hindustan Zinc Ltd.
Hindustan Zinc share कंपनी की जानकारी
हिंदुस्तान जिंक पूरी दुनिया की जिंक लीड सिल्वर प्रोड्यूस करने में एक प्रमुख कंपनी है और साथ में भारत की यह इस क्षेत्र के लीडर कंपनी में मानी जाती है यह वेदांता की सब्सिडियरी कंपनी है,Hindustan Zinc share इसकी शुरवात 1966 में हुई है,हिंदुस्तान जिंक के कामकाज की बात करें तो कंपनी झिंक, लीड, सिल्वर और सल्फ्यूरिक एसिड का माइनिंग और स्मेल्टिंग का काम करती है,तो ये कंपनी ISO 9001:2008 से प्रमाणीत है।
Hindustan Zinc share वर्तमान स्थिति
कंपनी का मार्केट कैप 1,30,414 करोड़ का है, तो Hindustan Zinc share कंपनी की प्रमोटर होल्डिंग 64.92% की दर्ज है, तो कंपनी की वर्तमान में 12,148 करोड़ का कर्ज है,तो कंपनी के पास फ्री कैश के स्वरूप में 1412 करोड रुपए की राशि अवेलेबल है, तो कंपनी ने अपने निवेशकों को 24.49% का डिविडेंड यील्ड प्रदान किया है,तो कंपनी के सेल्स ग्रोथ 15.82% के और प्रॉफिट ग्रोथ 9.24% का दर्ज है।
पिछले रिटर्न की जानकारी
कंपनी की रिटर्न की जानकारी अहम होती है, तो Hindustan Zinc share कंपनी ने पिछले 3 साल में प्रॉफिट ग्रोथ 15.82% का दर्ज किया है, तो पिछले 3 साल का ही रेवेन्यू ग्रोथ 22% का दर्ज है और साथ में कंपनी ने पिछले 6 महीने में अपने निवेशकों को 3% की रिटर्न, पिछले एक साल में 15% की रिटर्न,तो पिछले 3 साल में 13% की रिटर्न, तो पिछले 5 साल में कंपनी ने 1% का रिटर्न दिया है, कंपनी में रिटर्न इतने अच्छे खासे नहीं दिए लेकिन कंपनी का जो डिविडेंड यील्ड 24.49% का है जो काफी अच्छा है।
hindustan zinc share de-merge
कंपनी का शेयर वर्तमान में 308 रुपए पर ट्रेड कर रहा है और इसका 52 वीक हाई लेवल 383 रुपये का और 52 वीक लो लेवल 264 रुपए का है, कंपनी के मिली जानकारी के अनुसार कंपनी वेदांता की तरह इसे भी अब डिमर्ज करने पर काम कर रहे है,हिंदुस्तान जिंक शेयर का अगर हम कामकाज देख तो जिंक, लीड, सिल्वर और रीसायकल ऐसे उनके बिजनेस है तो कंपनी के योजना के तहत कंपनी अब इन बिजनेस को तीन हिस्सों में बांटना चाहती है, मतलब जिंक और लीड का एक बिजनेस, सिल्वर का अलग बिजनेस और रीसायकल का भी अलग बिजनेस करना चाहती है।
कोई भी कंपनी जब डी मर्ज का फैसला लेती है, तो निवेशक को अधिक फायदा होता है क्योंकि अब Hindustan Zinc share की बात करें तो जी निवेशक के पास हिंदुस्तान शेयर के एक शेयर होंगे तो उसे दूसरे और 2 कंपनियों के शेयर भी मिलेंगे।
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